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29 अक्टूबर से भारत और मेजबान ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की टी20 सीरीज का आगाज होने वाला है। इस सीरीज से पहले भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने सूर्यकुमार यादव की खराब फॉर्म पर खुलकर बात की। भारत ने भले ही 2025 एशिया कप बिना ज़्यादा मेहनत किए आसानी से जीत लिया हो , लेकिन कप्तान सूर्यकुमार यादव की फॉर्म को लेकर चिंताएँ लगातार बनी हुई है। दाएं हाथ का यह बल्लेबाज़ 2025 में टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से कोसों दूर नजर आए और 12 मैचों में सिर्फ़ 100 रन ही बना पाया है। एशिया कप में सूर्यकुमार ने छह मैचों में सिर्फ़ 72 रन बनाए, और उनका सर्वोच्च स्कोर दुबई में पाकिस्तान के खिलाफ ग्रुप स्टेज मैच में नाबाद 47 रन रहा।

सूर्यकुमार यादव की खराब फॉर्म पर हेड कोच गंभीर ने की खुलकर बात 

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी टी-20 सीरीज से पहले कप्तान सूर्यकुमार यादव की खराब फॉर्म पर बात करते हुए मुख्य कोच गौतम गंभीर ने सभी चिंताओं को कम करते हुए कहा कि जब कोई टीम की ज़रूरतों को प्राथमिकता देता है और उच्च जोखिम वाला रुख अपनाता है, तो असफलता खेल का एक हिस्सा है।

सूर्यकुमार आईपीएल के 2025 सीज़न में दूसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मैचों में उनका प्रदर्शन काफ़ी अच्छा नहीं रहा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बुधवार, 29 अक्टूबर से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू हो रही पाँच मैचों की सीरीज़ में उनका प्रदर्शन कैसा रहता है।

गंभीर ने जियोस्टार से बातचीत में कहा "ईमानदारी से कहूँ तो, सूर्या की बल्लेबाज़ी फ़ॉर्म मुझे चिंतित नहीं करती क्योंकि हमने अपने ड्रेसिंग रूम में एक अति-आक्रामक रणनीति अपनाई है। जब आप इस सिद्धांत को अपना लेते हैं, तो असफलताएँ अवश्यंभावी हैं। सूर्या के लिए 30 गेंदों पर 40 रन बनाना और आलोचना से बचना आसान होता, लेकिन हमने सामूहिक रूप से यह तय किया है कि इस रणनीति को अपनाते हुए असफल होना स्वीकार्य है।"

उन्होंने आगे कहा, "फिलहाल, अभिषेक शर्मा अच्छी फॉर्म में हैं और उन्होंने इसे पूरे एशिया कप में बरकरार रखा है। जब सूर्या अपनी लय पकड़ लेंगे, तो वह उसी के अनुसार ज़िम्मेदारी संभालेंगे। टी20 क्रिकेट में, हमारा ध्यान व्यक्तिगत रनों पर नहीं, बल्कि उस तरह के क्रिकेट पर होता है जैसा हम खेलना चाहते हैं। हमारी आक्रामक शैली के कारण, बल्लेबाज़ ज़्यादा बार विफल हो सकते हैं, लेकिन अंततः सिर्फ़ रनों से ज़्यादा प्रभाव मायने रखता है।"