
आज से ठीक 14 बरस पहले आज ही के दिन यानी 28 मई 2011 को चेन्नई सुपर किंग्स ने IPL 2011 के फाइनल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को 58 रनों से हराकर दो साल में दूसरी बार ट्रॉफी अपने नाम की थी। फाइनल में चेन्नई की ओर से माइकल हसी और मुरली विजय ने धमाकेदार पारियां खेलकर चेन्नई को जीताने में अहम भूमिका निभाई थी।
RCB को हराकर CSK ने जीता था लगातार दूसरा खिताब
चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में एमएस धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। मुकाबले में चेन्नई सुपर किंग्स की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 159 रनों की साझेदारी कर टीम को बड़ा स्कोर लगाने के लिए मजबूत नीव रख दी। सलामी बल्लेबाज माइकल हसी ने 45 गेंदों में 63 रनों का योगदान दिया। वहीं मुरली विजय शतक लगाने से चूक गए और 52 गेंदों में 95 रन बनाकर श्रीनाथ अरविंद का शिकार बने। उनके बाद एमएस धोनी ने 22 रनों का योगदान देते हुए चेन्नई को 5 विकेट के नुकसान पर 205 रनों तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की ओर से श्रीनाथ अरविंद और क्रिस गेल ने 2-2 विकेट चटाए। उनके अलावा जमालुद्दीन सैयद मोहम्मद के हिस्से एक विकेट आया।
जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की शुरुआत खराब रही। टीम के सलामी बल्लेबाज क्रिस गेल बिना खाता खोले अश्विन का शिकार हो गए। उनके बाद 16 रन के स्कोर पर ही मयंक अग्रवाल भी 10 रन बनाकर चलते बने। लगातार अंतराल पर विकेट गंवाने के चलते बेंगलुरु ने महज 92 रनों के स्कोर पर 7 विकेट गंवा दिए थे। हालांकि निचले क्रम में बल्लेबाजी करने आए जहीर खान ने 21 रनों की पारी खेलकर मनोज तिवारी का बखूबी साथ निभाया। तिवारी 42 रन बनाकर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के टॉप रन स्कोरर रहे।
हालांकि बावजूद इसके रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु निर्धारित ओवरों में 8 विकेट के नुकसान पर 147 रन ही बना सकी। मैच में मुरली विजय को अपने शानदार 95 रनों की पारी के लिए मैन ऑफ द मैच का खिताब दिया गया। इस जीत के साथ चेन्नई सुपर किंग्स 2010 के बाद लगातार दूसरी बार आईपीएल खिताब जीतने में कामयाब रही।