Shiny Abraham Wilson

26 जुलाई से 11 अगस्त तक फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित होने वाले ओलंपिक गेम्स में भारत के 117 खिलाड़ी मैदान में उतरने को तैयार  है। खेलों के इस महाकुंभ  के उद्घाटन समारोह में अनुभवी टेबल टेनिस खिलाड़ी ए शरत कमल के साथ पीवी सिंधु भारत की महिला ध्वजवाहक होंगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत की ओर से पहली महिला ध्वजवाहक कौन रही है। किस महिला खिलाड़ी को ओलंपिक में पहली बार भारत का तिरंगा उठाने का गौरव प्राप्त हुआ था। हम इस आर्टिकल में आपको इसके बारे में विस्तार से बताएंगे। 

ओलंपिक में पहली बार शाहनी अब्राहम   ने थामा भारत का तिरंगा 

अपने देश के लिए ओलंपिक ध्वजवाहक बनना किसी भी खिलाड़ी के बड़ी सम्मान की बात होती है। जिसे शायद पदक जीतकर ही हासिल किया जा सकता है। खेलों के उद्घाटन समारोह में देश का राष्ट्रीय ध्वज लेकर चलने की रवायत 1920 में शुरु हुई थी। उस समय भारत की ओर से 400 मीटर धावक पुरमा बनर्जी को पहले ध्वजवाहक बनने का गौरव प्राप्त हुआ था। 

उनके बाद कई अलग-अलग खेलों के महान खिलाड़ियों को यह गौरवांवित काम करने का मौका मिला। जिनमें देश के पहले स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा से लेकर हॉकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद और बलबीर सिंह सीनियर जैसे दिग्गज शामिल है। लेकिन क्या आप जानते हैं कौनसी पहली महिला खिलाड़ी को यह गौरव प्राप्त हुआ था। 

दरअसल यह गौरव 8 मई 1965 को केरल में जन्मी शाइनी अब्राहम को मिला था। यह वह समय था जब  खेलों केवल पुरुषों का ही दबदबा था। ऐसे में किसी भारतीय महिला का ओलंपिक खेलों में भाग लेना ही बड़ी बात थी। पहली बार ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाली पहली भारतीय महिला शाइनी अब्राहम थीं, जिन्होंने खेल जगत में एक अलग मुकाम हासिल किया। साल 1992 में हुए बार्सिलोना ओलंपिक खेलों में एथलीट शाहनी को पहली बार महिला टीम का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। जहां शाहनी अब्राहम देश की पहली महिला ध्वजवाहक बनने का गौरव प्राप्त हुआ।