
भारत और इंग्लैंड के बीच 20 जून से खेले जाने वाली फेमस पटौदी ट्रॉफी का नाम बदलकर एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। पटौदी परिवार ने बीसीसीआई और ईसीबी के इस फैसले से असहमित जताई थी। इस विवाद पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने चुप्पी तोड़ दी है।
एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी विवाद पर सचिन ने तोड़ी चुप्पी
दिग्गज भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने आखिरकार पटौदी ट्रॉफी का नाम बदलकर एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी करने पर खिड़े विवाद पर खुलकर बात की है। उनका मानना है कि इस तरह का सम्मान मिलना खुशी की बात है। लेकिन पटौदी परिवार की स्थायी विरासत और भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान से वह अवगत है।
तेंदुलकर ने रेवस्पोर्ट्स के बात करते हुए कहा कि "हां, मैं कुछ समय के लिए इस विवाद पर चुप रहा। अब मैं अपको पूरी बात बताता हूं। ट्रॉफी को रिटायर करने का फैसला बीसीसीआई और ईसीबी का था। फैसला लेने के बाद उन्होंने मुझे इसके बार में बताया। जहां तक पटौदी परिवार का सवाल है। मैं भारतीय क्रिकेट में उनके अमुल्य योगदान से पूरी तरह वाकिफ हूं। पटौदी सीनियर ने इंग्लैंड और भारत के लिए खेला, जबकि टाइगर पटौदी ने भारत की कप्तानी की। मैंने उन्हें खेलते हुए नहीं देखा क्योंकि मैं पैदा नहीं हुआ था, लेकिन मैंने उनकी कहानियां सुनी हैं और वे कहानियां हम सभी को प्रेरित करती हैं।"
उन्होंने आगे कहा "इसलिए मैंने तय किया है कि पटौदी परिवार की इस विरासत को जारी रखा जाए। जब मुझे पता चला तो मैंने परिवार को बुलाया और बातचीत की। इसके बाद मैंने जय शाह, बीसीसीआई और ईसीबी से बात की और उन्हें बताया कि विरासत को जारी रखने के लिए कुछ किया जाना चाहिए। उन्हेंने मेरी बात सुनी और यह फैसला किया कि पटौदी का नाम सीरीज से जुड़ा रहेगा। विनर कप्तान को पटौदी मेडल से सम्मानित किया जाएगा।"
बता दें कि 2007 में इंग्लैंड-भारत सीरीज का नाम बदलकर पटौदी ट्रॉफी कर दिया गया था। उस समय राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड को 1-0 से टेस्ट सीरीज हराई थी।