K. D. Jadhav

पेरिस ओलंपिक 2024 का आगाज आधिकारिक तौर 26 जुलाई से शुरु हो चुका है। 11 अगस्त तक आयोजित होने वाले खेलों के इस महाकुंभ में दुनिया के 206 देशों के 10,500 खिलाड़ी भाग लेने वाले हैं। वहीं भारत के 117 खिलाड़ी 16 अलग-अलग खेलों में पदक जीतने के लिए दमखम दिखाते नजर आएंगे। हालांकि क्या आप जानते हैं की आजाद भारत के लिए पहला पदक किसने जीता था। इस आर्टिकल में हम आपको भारत के लिए पहले पदक जीतने वाले खिलाड़ी की यात्रा के बारे में विस्तार से बताएँ गे। 

महाराष्ट्र के पहलवान केडी जाधव ने जीता था भारत के लिए पहला पदक 

1896 में ग्रीस की राजधानी एथेंस से शुरु हुए ओलंपिक में भारत ने पहली बार 1900 में पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लिया। हालांकि भारत ने अपना पहला आधिकारिक दल 1920 ओलंपिक गेम्स में भेजा। मगर 1928 एम्स्टर्डम ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने पहली बार गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नेतृत्व में भारतीय टीम का बेहतरीन प्रदर्शन अगले तीस बरसों तक जारी रहा। भारत ने 1928 से लेकर 1956 तक लगातार 6 गोल्ड मेडल अपने नाम किए थे। 

हालांकि हेलसिंकी में आयोजित हुए 1952 ओलंपिक में भारतीय पहलवान केडी जाधव ने पहला व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। महाराष्ट्र के सतारा जिले से ताल्लुक रखने वाले केडी जाधव का पूरा नाम खाशाबा दादासाहेब जाधव था। 

उन्होंने 1948 में कुश्ती शुरू की और उन्हें पहला बड़ा मौका 1948 के लंदन ओलंपिक में मिला, जहां उन्होंने फ्लाईवेट डिवीजन में छठा स्थान हासिल किया। 1948 तक वह व्यक्तिगत श्रेणी में इतना ऊंचा स्थान पाने वाले पहले भारतीय थे। उस समय जाधव का छठा स्थान हासिल करना छोटी उपलब्धि नहीं थी। इस तथ्य के बावजूद कि वह मैट कुश्ती और कुश्ती के अंतरराष्ट्रीय नियमों में नए थे।

हेलसिंकी ओलंपिक की तैयारी के लिए जाधव ने अगले चार वर्षों के दौरान और भी अधिक काम किया, जहां उन्होंने बेंटमवेट वर्ग (57 किग्रा) में प्रतिस्पर्धा की, जिसमें 24 विभिन्न देशों के पहलवान शामिल थे।  अपना सेमीफाइनल मैच हारने से पहले वह मैक्सिको, जर्मनी और कनाडा के पहलवानों को हराने के लिए आगे बढ़े। हालांकि, उन्होंने कांस्य पदक जीतकर वापसी की और व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीतने वाले स्वतंत्र भारत के पहले पहलवान बन गए