
आज का दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास के लिए काफी अहमियत रखता है। इस दिन को भारतीय क्रिकेट इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। आज से करीब 41 बरस पहले भारत ने वेस्टइंडीज को वनडे वर्ल्ड कप 1983 के फाइनल में हराकर पहला वर्ल्ड कप खिताब अपने नाम किया था।
भारत ने वेस्टइंडीज को हराकर जीता था वर्ल्ड कप खिताब
41 बरस पहले लॉर्ड्स में पहली बार वर्ल्ड कप खिताब पर कब्जा जमाया था। कपिल देव के नेतृत्व में भारतीय टीम ने उस समय दुनिया की सबसे ताकतवर मानी जाने वाली क्लाइव लायड की कप्तानी वाली वेस्टइंडीज टीम को 43 रन से हराकर क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया था। भारतीय टीम की ये जीत क्रिकेट के खेल के लिए क्रांतिकारी साबित हुई और क्रिकेट भारत में धर्म बन गया और भारत क्रिकेट की दुनिया का सुपरपावर बन गया।
25 जून 1983 को खेले गए वर्ल्ड कप फाइनल में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सभी विकेट खोकर 60 ओवर वाले इस मैच में 54.4 ओवरों में 183 रन बनाए थे। भारत के लिए उस मैच में ओपनर कृष्णामचारी श्रीकांत ने सबसे अधिक 38 रन और संदीप पाटिल ने 27 रन बनाए थे, वेस्टइंडीज की ओर से गार्नर ने सबसे अधिक 4 विकेट झटके थे।
184 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी वेस्टइंडीज की टीम मोहिंदर अमरनाथ, मदन लाल और बलविंदर संधू की घातक गेंदबाजी के आगे वेस्टइंडीज की टीम 52 ओवरों में 140 रन पर ही सिमट गई थी। भारत के लिए मोहिंदर अमरनाथ ने 12 रन देकर 3, मदन लाल ने 31 रन देकर 3 और संधू ने 32 रन देकर 2 विकेट झटके थे। वेस्टइंडीज के लिए महान बल्लेबाज विवियन रिचर्ड्स ने सबसे अधिक सिर्फ 28 गेंदों में 7 चौकों की मदद से 33 रन बनाए थे। मोहिंदर अमरनाथ को फाइनल और सेमीफाइनल में मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया था। इस मैच के दौरान मदनलाल की गेंद पर कपिल देव ने बाउंड्री लाइन पर दौड़ते हुए एक हाथ से विव रिचर्डस का शानदार कैच लपक कर भारत को मैच जिताने में अहम भूमिका निभाई थी।