olympics 1932 sportstiger 1

आज से करीब 130 साल पहले 1896 में खेलों के महाकुंभ का आजोजन एथेंस किया गया। उसके चार बरस बाद ही भारत के नॉर्मन प्रिचर्ड 1900 में आयोजित पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले एथलीट बने। जहां उन्होंने पुरुषों की 200 मीटर बाधा दौड़ में दो पदक अपने नाम किए। हालांकि भारत को अपनी पहली टीम भेजने में 20 सालों का समय लग गया। 1920 में भारत ने पहली बार एक टीम भेजी, जिसमें चार एथलीट और दो पहलवान शामिल थे। इसके साथ गुजरते समय के साथ भारत का प्रदर्शन ओलंपिक में सुधरता गया। 1928 में भारत ने हॉकी टीम के बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर ओलंपिक में पहला गोल्ड मेडल अपने नाम किया। हालांकि भारत का राष्ट्रगान पहली बार 1932 में लॉस एंजिलिस ओलंपिक में बजाया गया। 

जब ओलंपिक में पहली बार  बजा था भारत का राष्ट्रगान 

1932 के लॉस एंजिलिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए मेजबान यूएसए को 24-1 से हराकर ओलंपिक इतिहास की सबसे बड़ी जीत दर्ज की। इस जीत के बाद पहली बार ओलंपिक में भारत का राष्ट्रगान बजाया गया। हालांकि राष्ट्र के तौर पर भारत 1947 में आजाद हुआ। आजादी के अगले साल 1948 में ओलंपिक का आयोजन इंग्लैंड की राजधानी लंदन में आयोजित हुआ। खेलों के इस महाकुंभ में भारतीय हॉकी टीम ने मेजबान ब्रिटेन को हराकर ओलंपिक में एक और गोल्ड मेडल अपने नाम किया। पहली बार दुनिया के सामने भारतीय राष्ट्रध्वज तिरंगा शान से लहराया। पहली बार भारत के राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ के सामने अंग्रेज भी नतमस्तक खड़े नजर आए। 

गैर अनुभवी टीम में लंदन में लहराया था तिरंगा

वर्ष 1947 में भारत के स्वतंत्र होने से तमाम दिग्गज खिलाड़ी पाकिस्तान चले गए। वर्ष 1948 में लंदन में ओलिंपिक खेल हुए। टीम में किशन लाल और केडी सिंह बाबू दो ही अनुभवी खिलाड़ी थे। किशन लाल को कप्तान बनाया गया। शेष टीम युवा या कम अनुभवी थी। इस टीम ने आस्ट्रिया (8-0), अर्जेंटीना (9-1), स्पेन (2-0) और नीदरलैंड्स (2-1) को हराते हुए फाइनल में जगह बनाई। फाइनल ब्रिटेन से था।