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31 अगस्त 2004 को हरियाणा के हिसार जिले के भगाना गांव में जन्मी अंतिम पंघाल पिता राम निवास पंघाल और मां कृष्णा कुमारी की पांच संतानों में से चौथे नंबर की बेटी है। अंतिम ने अपने छोटे से कुश्ती करियर में कई बड़े उलटफेर करते हुए सभी को चौंकाया था। अंतिम पंघाल दो बार अंडर-20 कुश्ती में वर्ल्ड चैंपियन रह चुकी है। अंतिम यह कारनामा करने वाली भारत की पहली महिला कुश्ती रही है। इसके साथ ही एशियन गेम्स और एशियन चैंपियनशिप और सीनियर वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में मेडल जीत चुकी है। 

बड़ी बहन ने कुश्ती से करवाया रूबरू  

तीन बड़ी बहनों सरिता, मीनू और निशा के बाद जन्मी अंतिम से दो साल छोटा उनका भाई अर्पित है। अंतिम को कुश्ती से रूबरू कराने में उनकी सबसे बड़ी बहन सरिता का बड़ा योगदान रहा है। अंतिम जब महज 10 बरस की थी तब से ही सरिता उनको कुश्ती कार्यकम्र में शिरकत करने के लिए हिसार के महावीर स्टेडियम ले गई थी। जहां कुश्ती को पूरी लगन और निष्ठा से अपनाने के बाद अंतिम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 

अंतिम की शुरुआती कुश्ती कोच रोशनी देवी ने अंतिम के माता-पिता को समझाकर अंतिम को कुश्ती में करियर बनाने के लिए मनाया। उसके बाद अंतिम अपने गांव से 20 किलोमीटर दूर हिसार के महावीर स्टेडिमय में अभ्यास करने के लिए जाने लगी। उसके बाद भैंसों समेत अंतिम का पूरा परिवार हिसार शिफ्ट हो गया। 

अंडर-20 वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर रचा इतिहास 

अंतिम पंघाल ने सबसे पहले 2020 में पटना में आयोजित अंडर-15 नेशनल चैंपियन बनकर पदक जीतने की शुरुआत की थी। इसके बाद 2020 में अंतिम ने जूनियर एशियाई चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता और उसके बाद  अंतिम पंघाल सोफिया में अंडर-20 वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप 2022 में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतकर प्रतियोगिता के इतिहास में ख़िताब जीतने वाली पहली भारतीय पहलवान बन गईं। अप्रैल 2023 में अंतिम ने अस्ताना में आयोजित एशियाई चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता। वहीं 2023 वर्ल्ड प्रतियोगिता में डेब्यू करने के बाद बेलग्रेड में अंतिम ने कास्य पदक जीता। इस जीत के साथ अंतिम ने पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए क्वालीफाई किया।