mirabai chanu

टोक्यो ओलंपिक 2020 में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रचने वाली मीराबाई चानू का यहां तक पहुंचने का सफर आसान नहीं रहा। 8 अगस्त 1994 को मणिपुर के इम्फाल पूर्वी जिले के काकचिंग गांव में जन्मी मीराबाई चानू ने शुरुआती जीवन में ही कई संघर्षों का समाना किया। गरीब परिवार से आने वाली मीराबाई के लिए महज 12 बरस की उम्र में ज्यादा वजन उठाना वरदान साबित हुआ। एक समय था जब मीराबाई चानू अपने भाई-बहनों के साथ जंगल में घूम-घूमकर लकड़ियों बिनती थी। हालांकि आगे चलकर यहीं मेहनत उनके वेटलिफ्टर करियर में वरदान साबित हुई। 

ऐसे हुए वेटलिफ्टिंग करियर की शुरुआत 

दरअसल मणिपुर के एक राज्य स्तरीय जूनियर फुटबॉलर सांतोम्बा ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि एक दिन में जंगल में लकड़ी का गठ्ठर नहीं उठा पाया। लेकिन मीरा ने उसी गठ्ठर को बड़ी आसानी से उठा लिया। और उसे दो किलोमीटर दूर हमारे घर तक आराम से ले आई। उस समय मीराबाई की उम्र महज 12 साल थी। इसके बाद मिराबाई वेटलिफ्टिंग से जुड़ गई। इसके बाद मिराबाई चानू ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर रचा इतिहास 

29 वर्षीय मीराबाई चानू ने  वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2017 में स्वर्ण पदक जीतकर अपने शानदार सफर को उड़ान दी। उससे पहले मिराबाई ने 2014 ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक अपने नाम किया था। वहीं मीराबाई  सिडनी कॉमनवेल्थ गेम्स में भी कांस्य पदक जीतने में कामयाब रही। मीराबाई चानू के पास क्लीन एंड जर्क में ओलंपिक रिकॉर्ड भी है, उन्होंने 49 किग्रा वजन वर्ग में 115 किग्रा का सफल लिफ्टिंग किया, इसके साथ ही टोक्यो ओलंपिक 2020 में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया। 

उन्होंने 49 किग्रा वजन वर्ग में 119 किग्रा के क्लीन एंड जर्क के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाया, जो 2020 में ताशकंद में हासिल किया गया था। लेकिन हाल के वर्षों में, यह उत्तर कोरिया के री सोंग गम के साथ 125 किग्रा के वर्तमान विश्व रिकॉर्ड के साथ कई बार तोड़ा गया है।

पिछले एक साल में, मीराबाई चानू चोटों से जूझ रही हैं, जिससे पेरिस 2024 ओलंपिक खेलों के लिए उनकी तैयारी में काफी बाधा आई है। उन्होंने इस साल की शुरुआत में आईडब्ल्यूएफ विश्व कप में स्नैच में 81 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 103 किग्रा सहित 184 किग्रा वजन उठाकर तीसरे स्थान पर रहने के साथ ही पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया।

मीराबाई चानू की उपलब्धियां

 मीराबाई चानू ने 2016 में रियो ओलंपिक में भाग लिया था। हालांकि, वह टूर्नामेंट पूरा नहीं कर सकीं, क्योंकि वह क्लीन एंड जर्क श्रेणी में कोई भी सफल लिफ्ट हासिल करने में विफल रहीं।

  उन्होंने 2020 में एशियाई चैंपियनशिप में क्लीन एंड जर्क वर्ग में 119 किलोग्राम भार उठाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया, जहां उन्होंने कांस्य पदक जीता।

  ग्लासगो में 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में चानू ने 170 किग्रा भार उठाकर रजत पदक जीता, इसके बाद उन्होंने 2016 के सीनियर नेशनल्स में स्वर्ण पदक जीता।

  उन्होंने 2017 विश्व चैंपियनशिप और 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता।

2020 टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतकर इतिहास रचा।