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9 सितंबर 2001 को पंजाब के फरीदकोट में जन्मी सिफ्ट कौर समरा (Sift Kaur Samra) ने निशानेबाजी में भारत को एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीताकर भारत का नाम रोशन किया था। इसके साथ ही सिफ्त कौर ने उसी टूर्नामेंट में अपने नाम रजत पदक भी किया। डॉक्टर की ड्रिग्री करने वाली एक होनहार लड़की के लिए यह सफर बिल्कुल भी आसान नहीं रहा।
MBBS की पढ़ाई छोड़ चुनी शूटिंग की राह
पंजाब के फरीदकोट में जन्मी सिफ्ट कौर समरा की शुरुआती पढ़ाई फरीदकोट के बाद आगे की पढ़ाई अमृतसर में हुई। इस दौरान सिफ्ट के चचेरे भाई ने उनको शूटिंग की दुनिया से रूबरू करवाया। उस दौरान सिफ्ट डॉक्टरी के लिए जरूरी एमबीबीएसी की ड्रिग्री के साथ शूटिंग के बीच संतुलन बनाने में जुटी हुई थी। भोपाल में ISSF वर्ल्ड कप में कांस्य पदक जीतने के बाद सिफ्ट को डॉक्टर और शूटर बनने में से एक को चुनना था। अपने छोटे से शूटिंग करियर में मिली सफलता और कॉलेज की 80% उपस्थिति की लगातार मांग से निराश होकर उसने शूटिंग को चुना।
इसको लेकर सिफ्ट ने एक बार इंटरव्यू में कहा था कि "भोपाल वर्ल्ड कप के बाद मैंने एमबीबीएस की पढ़ाई छोड़ दी। उपस्थिति के कारण यह मेरे लिए बहुत व्यस्ततापूर्ण हो रहा था और मेरा कॉलेज इस पर अड़ा हुआ था। इसलिए, एशियाई खेलों के साथ इस वर्ष के महत्व को देखते हुए मैंने इसे छोड़ने का फैसला किया।" विश्व रिकॉर्ड और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बाद सिफ्त को अंदाजा हुआ की उन्होंने यह सही फैसला किया है।
एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतकर रचा था इतिहास
सिफ्ट कौर सामरा (Sift Kaur Samra) ने एशियाई खेल 2023 की महिला 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन व्यक्तिगत स्पर्धा ( Indian shooters) में दबदबा बनाते हुए विश्व रिकॉर्ड स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि आशी चौकसी भी कांस्य पदक जीतने में सफल रहीं। सिफ्ट ने फाइनल में 469.6 अंक जुटाए। उन्होंने ब्रिटेन की सियोनेड मैकिनटोश के फाइनल के 467.0 अंक के विश्व रिकॉर्ड में 2.6 अंक का सुधार किया। सिफ्ट ने क्वालीफाइंग दौर में भी संयुक्त रूप से एशियाई रिकॉर्ड बनाया था। आशी ने 451.9 अंक के साथ कांस्य पदक हासिल किया. सिफ्ट के दबदबे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रजत पदक जीतने वाली चीन की कियोंगयुई झेंग (462.3) उनसे 7.3 अंक पीछे रहीं। सिफ्त से पेरिस ओलंपिक में भी गोल्ड मेडल जीतने की उम्मीद है।