
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस साल की शुरुआत में खेली गए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भारत को मिली करारी शिकस्त के बाद बीसीसीआई ने कड़ा रूख अपनाते हुए खिलाड़ियों के लिए कई कड़े नियम लागु किए। इन नियमों में एक नियम खिलाड़ियों के परिवार को लेकर भी है। जिसके चलते 45 दिनों से ज्यादा अवधि के किसी विदेशी दौरे पर अधिकतम 14 दिनों के लिए परिवार खिलाड़ी के साथ रूक सकता है। बीसीसीआई के इस नए नियम की टीम के खिलाड़ियों समेत कई पूर्व खिलाड़ियों ने आलोचना की थी। वहीं पिछले दिनों क्रिकबज की एक रिपोर्ट ने दावा किया था कि बीसीसीआई परिवार को लेकर लगाए गए कड़े नियम में ढील दे सकता है। हालांकि इसको लेकर बीसीसीआई सेकेट्ररी ने चुप्पी तोड़ दी है।
फैमली रूल को लेकर बीसीसीआई सेकेट्ररी ने तोड़ी चुप्पी
बीसीसीआई सेकेट्ररी देवजीत सैकिया ने बुधवार को कहा कि फिलहाल नीति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। उन्होंने याद दिलाया कि यह नियम सभी खिलाड़ियों, कोचों, मैनेजमेंट और सहयोगी स्टाफ के सर्वोत्तम हित में बनाए गए थे और भले ही कुछ खिलाड़ियों की इस पर अलग राय हो, बीसीसीआई किसी भी बदलाव के बारे में नहीं सोच रहा है।
BCCI सेकेट्ररी देवजीत सैकिया ने बुधवार को क्रिकबज कहा कि "इस समय वर्तमान नीति बरकरार रहेगी, यह देश और हमारे संस्थान, बीसीसीआई दोनों के लिए सर्वोपरि है। BCCI मानता है कि कुछ नाराजगी या अलग-अलग राय हो सकती है। यह एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में, लोगों को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है। यह नीति टीम के सभी सदस्यों-खिलाड़ियों, कोचों, मैनेजमेंट, सहायक कर्मचारियों और इसमें शामिल सभी लोगों पर समान रूप से लागू होती है।"
गौरतलब है कि पिछले दिनों विराट कोहली ने इस नियम पर बात करते हुए कहा था कि खिलाड़ियों के लिए इस नियम का पालन करना मुश्किल है। 36 वर्षीय कोहली ने बताया था कि एक खेल के बाद, वह अकेले बैठकर एक कमरे में नहीं रहना चाहते हैं, लेकिन फोकस करने के लिए परिवार के साथ समय बिताना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, "अगर आप किसी भी खिलाड़ी से पूछें, तो क्या आप चाहते हैं कि आपका परिवार हर समय आपके आसपास रहे? आप जैसे होंगे, हाँ। मैं अपने कमरे में नहीं जाना चाहती और अकेले बैठना चाहती हूं। मैं सामान्य होना चाहता हूं। और फिर आप वास्तव में अपने खेल को एक जिम्मेदारी के रूप में मान सकते हैं। आप उस जिम्मेदारी को पूरा करते हैं, और आप जीवन में वापस आते हैं।"