मेजबान ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच पांच मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का पहला मुकाबला पर्थ में 22 नवंबर से खेले जाने वाले टेस्ट मुकाबले के साथ होने वाला है। हालांकि इस मुकाबले से पहले दोनों टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2023-25 की पॉइंट्स टेबल में पहले और दूसरे पायदान पर काबिज है। हालांकि सीरीज का तीसरा टेस्ट मुकाबला एडिलेड के मैदान पर खेला जाएगा। जहां भारत का प्रदर्शन शानदार रहा है। इस आर्टिकल में हम एडिलेड में भारत के रिकॉर्ड पर एक नजर डालेंगे।
एडिलेड के मैदान पर कैसा रहा भारत का प्रदर्शन
एडिलेड के ओवल मैदान पर 2000 के बाद से भारत और मेजबान ऑस्ट्रेलिया के बीच अब तक छह मुकाबले खेले गए हैं। जिनमें से तीन में ऑस्ट्रेलिया और दो में भारत को जीत मिली है। वहीं एक मुकाबला ड्रॉ रहा है। दरअसल भारत ने 2000 के दशक में एडिलेड में अपना पहला टेस्ट 12 दिसंबर से 16 दिसंबर 2003 के बीच खेला था। उस मुकाबले में राहुल द्रविड़ की दोहरी शतकीय पारी के चलते भारत ने मेजबान टीम को करारी शिकस्त दी। इस मुकाबले में राहुल द्रविड़ ने 233 रनों की बेहतरीन पारी खेली। वहीं दूसरी पारी में जीत के लिए मिली 233 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए द्रविड़ ने नाबाद 72 रनों की पारी खेलकर अपने अकेले के दम पर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई।
इस मैदान पर भारत और मेजबान टीम के बीच दूसरा मुकाबला तकरीबन तीन बरस बाद 2008 में खेला गया। खेले गए उस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की ओर से मैथ्यू हेडन, पोंटिंग और माइकल क्लार्क ने शतकीय पारियां खेली। उसके जवाब में भारत की ओर से सचिन तेंदुलकर ने 153 रनों की पारी खेलकर भारत को मैच में रखा। वहीं नीचले क्रम में बल्लेबाजी करते हुए हरभजन सिंह और अनिल कुंबले ने क्रमश: 63 और 87 रनों की पारियां खेलेकर मैच को ड्रॉ कराने में अहम योगदान दिया।
तीसरा मुकाबला दोनों टीमों के बीच 2012 में खेला गया। भूलने योग्य इस मैच में भारत की ओर से गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण के साथ युवा विराट कोहली ने भी शानदार योगदान दिया। हालांकि ऑस्ट्रेलियन कप्तान पोंटिंग और क्लार्क की दोहरी शतकीय पारियों के चलते भारत को 298 रनों से शिकस्त का सामना करना पड़ा।
इस मैच में दोनों दिग्गजों की शानदार बल्लेबाजी के दम पर ऑस्ट्रेलिया ने 600 रनों से अधिक स्कोर बोर्ड पर लगाया। भारत की ओर से विराट कोहली ने सैंकड़ा जड़ते हुए मेहमान टीम को फॉलोऑन से बचाया। हालांकि 500 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत 201 रनों पर सिमट गया।
वहीं 2014 में खेले गए चौथे मुकाबले में भारत की ओर से शिखर धवन, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे विराट कोहली की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को ठक्कर देने के लिए तैयार नजर आए। हालांकि कप्तान कोहली ने मैच की दोनों पारियों में शतक जड़कर भारत को मैच में बनाए रखा। लेकिन मेजबान टीम के 517 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने पहली पारी में 444 रन बनाए। जबकि दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 364 रनों का बड़ा लक्ष्य जीत के लिए दिया। जिसका पीछा करते हुए कोहली की शतकीय पारी के बावजूद भारत 48 रनों से मैच हार गया।
हालांकि 2018 दौरे पर एडिलेड में खेले गए मुकाबले में भारत ने वापसी करते हुए चेतेश्वर पुजारा की शतकीय पारी के दम पर मेजबान टीम के सामने 323 रनों का लक्ष्य जीत के लिए रखा। जिसका पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया 31 रनों से मुकाबला हार गई।
हालांकि भारत ने एडिलेड में अपना आखिरी टेस्ट मुकाबला पिंक बॉल से डे-नाइट फॉर्मेट में खेला था। उस मैच की पहली पारी में 244 रन बोर्ड पर लगाने के बाद भारतीय गेंदबाजों ने मेजबान टीम को 191 रनों पर रोक दिया। हालांकि दूसरी पारी में भारतीय टीम महज 36 रनों पर ढेर हो गई। जिसके जवाब में मेजबान टीम ने 90 रनों के लक्ष्य को 2 विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया।