भारतीय क्रिकेट टीम में हमेशा से ही कोई स्टार बल्लेबाज रहा है, जिसने अपने बल्लेबाजी के दम पर दूनियाभर में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए है। जिसके चलते उनकी फैन फॉलोइंग करोड़ों में होती है। इस बीच पूर्व पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम की निराशाजनक प्रदर्शन पर के लिए 'हीरो वर्शिप' यानी हीरो पूजा को जिम्मदार ठहराया है। मांजरेकर ने इसके साथ आइकन कल्चर की आलोचना करते हुए चौंकाने वाला बयान दिया है।
मांजेकर ने हीरो वर्शिप को बताया टीम के खराब प्रदर्शन का जिम्मेदार
हाल ही में भारतीय टीम को तकरीबन 10 बरस बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 1-3 से करारी शिकस्त का समाना करना पड़ा। इससे पहले भारत को घर पर न्यूजीलैंड के हाथों 0-3 से हार झेलनी पड़ी थी। इन हारों का विशलेषण करते हुए पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कमेंटेटर संजय मांजरेकर ने टीम के इस निराशाजनक प्रदर्शन के लिए भारत के हीरो वर्शिप कल्चर के साथ आइकन कल्चर को माना है।
हिंदुस्तान टाइम्स में लिखे अपने कॉलम में मांजरेकर ने भारत की बार का सबसे बड़ा कारण हीरो वर्शिप को बताते हुए अतित के कुछ उदाहरण दिए। जिसमें सचिन तेंदुलकर से लेकर विरेंद्र सहवाग और राहुल द्रविड़ की बात की। मांजरेकर ने अपने कॉलम लिखा कि " भारत की हार के पीछे एक प्रमुख कारण भारत में हमारी आइकन कल्चर और कुछ खिलाड़ियों की हीरो वर्शिप है। 2011-12 हो या अब, वैसा ही हाल है। प्रतिष्ठित खिलाड़ियों को खिलाया जा रहा है, उन्होंने अपने पूरे करियर में जो किया उसके विपरीत प्रदर्शन के बावजूद, जिससे टीम को पीछे धकेल रही है।"
मांजरेकर ने आगे बताया कि कैसे भारत को 2011-12 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया से 0-8 से हार का सामना करना पड़ा, जहां सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ जैसे नामी गिनामी खिलाड़ियों ने संघर्ष किया। हालांकि, द्रविड़ ने इंग्लैंड के खिलाफ भारत की 0-4 की हार में चार शतक बनाकर 76.83 की औसत से रन बनाए, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में उन्होंने खराब प्रदर्शन किया।
उन्होंने आगे कहा, "जब बड़े खिलाड़ियों की बात आती है, तो हम एक देश के रूप में लॉजिकल नहीं रह पाते हैं। क्रिकेट का लॉजिक खिड़की से बाहर चला जाता है और फिर चयनकर्ताओं को उम्मीद है कि खिलाड़ी अपने दम पर चले जाएंगे ताकि वे उन विलन की तरह न दिखें जिन्होंने एक महान खिलाड़ी के करियर को बेरहमी से समाप्त कर दिया जिसकी लाखों फैंस पूजा करते हैं। वे केवल फैंस के रिएक्शन से डरते हैं "।
मांजरेकर ने अपने कॉलम में ऑस्ट्रेलिया का उदाहरण दिया, जहां पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज रिकी पोंटिंग को उनके निराशाजनक प्रदर्शन के चलते टीम से बाहर कर दिया गया था। यहां तक कि इस सीरीज में, उन्होंने नाथन मैकस्वीनी को गाबा पर एक शानदार पारी खेलने के बाद बाहर का रास्ता दिखा दिया। लेकिन उनकी जगह 19 वर्षीय सैम कॉन्स्टास ने ले ली। फिर सिडनी में ऑलराउंडर मिशेल मार्श ने ब्यू वेबस्टर के लिए रास्ता साफ किया। जिसने सिडनी टेस्ट में कमाल का प्रदर्शन कर चयनकर्ताओं को सही साबित किया।