बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारतीय स्टार बल्लेबाज विराट कोहली का बल्ला खामोश रहा। पर्थ टेस्ट को छोड़कर कोहली के बल्ले से अगले चारों मैचों में एक भी बड़ी पारी नहीं आई। हालांकि कोहली की खराब फॉर्म से ज्यादा उनके एक तरीके से आउट होना इस सीरीज में चर्चा का विषय रहा। इस बीच साउथ अफ्रीका के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज एबी डिविलियर्स ने विराट कोहली की लगातार खराब फॉर्म को लेकर बात करते हुए इसका हल बताया है।
विराट कोहली को बहुमुल्य सलाह देते नजर आए डिविलियर्स
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज में कोहली का बल्ला खामोश रहा। जिसके चलते उनकी औसत 25 से कम रही। इस सीरीज में कोहली बार-बार ऑफ स्टंप के बाहर जाती गेंद पर आउट होकर चर्चा का विषय बने रहे। यह पैटर्न पूरी सीरीज में जारी रहा। इसका अंत भी सिडनी टेस्ट में उनके इस तरह आउट होने के साथ हुआ।
इस बीच कोहली की इस कमजोरी पर बात करते हुए साउथ अफ्रीका के पूर्व दिग्गज डिविलियर्स ने यह भी सुझाव दिया कि कोहली को अपनी बल्लेबाजी पर अधिक ध्यान देना चाहिए और ध्यान भटकाने को कम करना चाहिए। उन्होंने कोहली को विरोधी खिलाड़ियों के साथ अनावश्यक टकराव में शामिल होने से बचने की सलाह दी, जो कभी-कभी खेल पर उनके ध्यान को कम कर सकता है। गौरतलब है कि मेलबर्न टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के सैम कोंस्टास के साथ झड़प के चलते कोहली पर मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया था।
डिविलियर्स ने कोहली के लिए मानसिक तौर पर आराम करने होने के महत्व पर जोर दिया। उनका मानना है कि कोहली के पास इस चुनौती से पार पाने के लिए आवश्यक स्किल और अनुभव है। डिविलियर्स ने अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए कहा कि "बेशक, कोहली कर सकता है। दुनिया के हर बल्लेबाज में किसी न किसी तरह की कमजोरी होती है। इसमें बहुत चरित्र लगता है, बहुत भूख लगती है। नेट पर घंटों बिताने पड़ते हैं, मुझे लगता है कि बात हर बार अपने दिमाग को रीसेट करने की है।"
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि विराट कोहली के साथ वह मैदान पर लड़ाई में शामिल हो जाता है। यह उनकी सबसे बड़ी ताकतों में से एक है और यह एक कमजोरी भी हो सकती है। इस सीरीज के दौरान हमने उन्हें कुछ खिलाड़ियों के साथ व्यक्तिगत लड़ाई करते देखा, भीड़ भी उनको परेशान करती नजर आई। विराट को लड़ाई पसंद है, लेकिन जब आप अपने जीवन के रूप में नहीं हैं, तो उन चीजों से छुटकारा पाना सबसे अच्छा है। एक बल्लेबाज के रूप में, यह हर एक बार रीसेट करना है और महसूस करना है कि हर गेंद एक घटना है और बस गेंदबाज के बारे में भूल जाओ।"
गौरतलब है कि कोहली ने हाल ही में समाप्त हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज में पर्थ में शतक बनाने के बावजूद 10 पारियों में 23.75 के औसत से सिर्फ 190 रन बनाए।