31 जुलाई को बीसीसीआई के मुंबई स्थित हेड ऑफिस में आईपीईल फ्रेंचाइजी मालिकों के साथ मीटिंग हुई। जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। हालांकि एक रिपोर्ट ने चौंकाने वाला दावा किया है। जिसके मुताबिक मीटिंग के दौरान केकेआर के सहमालिक और बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान और पंजाब किंग्स के सहमालिक नेस वाडिया के बीच तीखी देखने को मिली।
शाहरुख और नेस वाडिया के बीच हुए तीखी बहस
क्रिकबज की एक रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को आईपीएल फ्रेंचाइजी मालिकों की बैठक में, कोलकाता नाइट राइडर्स के सह-मालिक शाहरुख खान और पंजाब किंग्स के सह-मालिक नेस वाडिया के बीच अगले सीजन के लिए आईपीएल मेगा ऑक्शन को लेकर कथित तौर पर तनाव बढ़ गया। सनराइजर्स हैदराबाद की सीईओ काव्या मारन ने शाहरुख का समर्थन करती नजर आई।
BCCI मुख्यालय में आयोजित बैठक में विभिन्न विषयों को शामिल किया गया। इस दौरान आईपीएल टीमों के मालिकों ने आगामी सत्र के लिए योजनाओं को अंतिम रूप देने की मांग की थी। हालांकि, मेगा ऑक्शन को लेकर फ्रेंचाइजी मालिकों के बीच विवाद पैदा हो गया।
दरअसल शाहरुख खान की कोलकाता नाइट राइडर्स और काव्या मारन की सनराइजर्स हैदराबाद सहित कई आईपीएल फ्रेंचाइजी अपने बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को रखना चाहती हैं। इसलिए वो नहीं चाहती की मेगा ऑक्शन का आयोजन हो। अगर मेगा ऑक्शन होता भी है तो टीमों को ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों को रिटेन करने सुविधा दी जाए।
आईपीएल फ्रेंचाइजी मालिकों की बैठक में कोलकाता नाइट राइडर्स के शाहरुख, सनराइजर्स हैदराबाद की काव्या मारन, लखनऊ सुपर जायंट्स के संजीव गोयनका और शास्वत, दिल्ली कैपिटल्स के केके ग्रैंड और पार्थ जिंदल और पंजाब किंग्स के नेस वाडिया ने भाग लिया।
वाडिया ने खबरों को बताया बेबुनियाद
हालांकि वाडिया ने स्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी विवाद की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा, "मैं शाहरुख को आईपीएल शुरू होने से बहुत पहले से जानता हूं। मैं उनके परिवार को जानता हूं और उनके और उनके परिवार के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है। हम एक लंबा सफर तय कर चुके हैं और इस तरह की बेबुनियाद खबरों में कोई सच्चाई नहीं है।
बता दें उम्मीद जताई जा रही थी कि 31 जुलाई को होने वाली मीटिंग में कई अहम मुद्दों पर फैसले लिए जाने की संभावना थी, लेकिन फिलहाल सभी मुद्दे जस के तस बने हुए हैं। बीसीसीआई को जल्द से जल्द आगामी सीजन के लिए खिलाड़ियों के रिटेन किए जाने की संख्या और पर्स वैल्यू समेत अहम मुद्दों पर फैसले लेने हैं।