क्रिकेट की दुनिया में डॉन ब्रैडमैन का नाम आज भी बड़े सम्मान से लिया जाता है। उनके नाम क्रिकेट के कई बड़े रिकॉर्ड दर्ज है। जिसमें से एक शानदार रिकॉर्ड टेस्ट करियर में उनका 99.94 का औसत भी है। उस दौर में उनका मैदान पर आना ही उनकी शतकीय पारी का सबूत था। हालांकि एक समय ऐसा आया जब उनका भी बल्ला खामोश नजर आया। टेस्ट इतिहास में 99.94 की औसत वाला बल्लेबाज आज ही के दिन यानी 21 दिसंबर 1936 को लगातार दो पारियों में बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए। यह अपनी आप में एक रिकॉर्ड बन गया।
दो लागातर मुकाबलों में बिना खाता खोले पवेलियन लौटे ब्रैडमैन
ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज डॉन ब्रैडमैन ने ऐसा 1936 में इंग्लैंड के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हुआ था। तब डॉन ब्रैडमैन को पहली बार एशेज सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम की कमान मिली थी। लेकिन इतने महान बल्लेबाज का कप्तानी में आगाज बहुत बुरा रहा। वो ब्रिसबेन और सिडनी में हुए सीरीज के पहले दो टेस्ट हार गए। इन्हीं दो टेस्ट की दो पारियों में ब्रैडमैन शून्य पर आउट हुए थे। पहली बार ब्रैडमैन ब्रिसबेन में हुए पहले टेस्ट की दूसरी पारी में बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए थे। यह टेस्ट 1936 में 4 से 9 दिसंबर तक खेला गया था। ब्रैडमैन की कप्तानी में खेला गया। खेले गए इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 322 रनों से हार का सामना करना पड़ा।
इस सीरीज का दूसरा टेस्ट सिडनी में 18 से 22 दिसंबर के बीच खेला गया था। इस टेस्ट की पहली पारी में भी कप्तानी का बोझ ब्रैडमैन पर भारी पड़ा और वो आज ही के दिन यानी 21 दिसंबर को पहली पारी में बल्लेबाजी के दौरान पहली ही गेंद पर बिल वोस का शिकार होकर बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए।
क्रिकेट में रन मशीन के नाम से मशहूर डॉन ब्रैडमैन की कप्तानी में मेजबान टीम को एक पारी और 22 रनों से हार का सामना करने पड़ा। लेकिन, इसके बाद ब्रैडमैन अपने असली रंग में आए और पहले मेलबर्न में 270, फिर एडिलेड में 212 रन बनाकर सभी को हैरान कर दिया। सीरीज का आखिरी मैच भी मेलबर्न में ही खेला गया था और इसमें भी ब्रैडमैन ने 169 रन बनाए। इसके चलते ब्रैडमैन की कप्तान में आखिरी तीनों टेस्ट जीतते हुए ऑस्ट्रेलिया ने एशेज सीरीज 3-2 से अपने नाम की।