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क्रिकेट की दुनिया में कई बेहतरीन खिलाड़ी हुए हैं। लेकिन ऐसे खिलाड़ी अंगुलियों पर गिनने जितने ही हैं जिन्हें विरोधी खिलाड़ी भी सम्मान देते हो। ऐसे ही एक खिलाड़ी थे न्यूजीलैंड के  सर रिचर्ड हैडली जिन्होंने अपने क्रिकेट करियर में कई ऐसे रिकॉर्ड अपने नाम किए जिन्हें तोड़ना काफी मुश्किल है। रिचर्ड हैडली की गिनती जन्म 3 जुलाई 1951 को क्रिसचर्च में हुआ था। 

टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले 400 विकेट लेने वाले गेंदबाज 

दुनिया के महान ऑलराउंडर खिलाड़ियों में शुमार रिचर्ड हैडली टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले 400 विकेट लेकर एक शानदार रिकॉर्ड अपने नाम किया था। साल 1990 में संन्यास लेने से पहले हैडली ने 86 टेस्ट और 115 वनडे खेले थे। खेले गए टेस्ट मुकाबलों में हैडली ने नाम 431 विकेट थे। 

ऑस्ट्रेलिया में जीताया था कीवी टीम को पहला टेस्ट मैच 

रिचर्ड हैडली का नाम न्यूजीलैंड के उन दिग्गज क्रिकेटरों में शुमार है जिन्होंने इतिहास रचा था। ऐसा ही एक कारनामा हैडली ने 8 नवंबर से 12 नवंबर 1985 के बीच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए पहले टेस्ट में किया था। पहले पारी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हैडली ने घातक गेंदबाजी करते हुए 9 विकेट अपने नाम किए थे। जिसके चलते ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में महज 179 रनों पर सिमट गई। जवाब में कीवी टीम ने 553 रन बोर्ड पर लगाकर पारी घोषित कर दी। हैलडी ने बल्ले से 54 रनों का योगदान दिया। 

दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलिया टीम इस बार भी हैडली पर काबू नहीं पा सकी। हैडली ने 28.5 ओवर में 71 रन देकर 6 विकेट अपने नाम करके न्यूजीलैंड को ऑस्ट्रेलियन सरजमी पर पहला टेस्ट जीताने में अहम योगदान दिया। इस मुकाबले में ही हैडली ने एक शानदार कैच लपका था। जिसे पत्रकारों ने कैच ऑफ सेनचुरी का खिताब दिया।

इसलिए नहीं की यह बेहतरीन कैच था  तभी उनके पास एक मुश्किल कैच आया। निस्वार्थ खेल के लिए पहचाने जाने वाले हैडली ने ज्योफ लासन का यह कैच लपकने में कोई गलती नहीं की। इस तरह वॉन ब्राउन को अपने टेस्ट करियर का पहला विकेट मिला और पारी में 10 विकेट लेने का मौका हैडली के हाथ से निकल गया। अंग्रेज पत्रकार फ्रैंक केटिंग ने इसे ‘कैच ऑफ द सेंचुरी’ कहा है।