
आज से ठीक 54 बरस पहले आज ही के दिन यानी 21 मार्च 1971 को भारत के दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के तीसरे टेस्ट मुकाबले में अपने टेस्ट करियर का पहला शतक बनाया। उन्होंने इस सीरीज में खेले गए पांच मैचों में रिकॉर्ड 774 रन बनाए। जिसमें तीन शतक, एक दोहरा शतक और तीन अर्धशतकीय पारियां शमिल थी।
वेस्टइंडीज के घातक गेंदबाजों के सामने गावस्कर ने बनाया टेस्ट करियर का पहला शतक
मैच की बात करें तो पांच मैचों की सीरीज का तीसरा मुकाबला 19 से 24 मार्च के बीच जॉर्ज टाउन में खेला गया। खेले गए उस मुकाबले में मेजबान वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। क्लाइव लॉयड और डेसमंड लुईस की क्रमश: 60 और 81 रनों की नाबाद पारियां के दम पर पहली पारी में 363 रनों का बड़ा स्कोर बोर्ड पर लगाया।
जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत शानदार रही। पहले विकेट के लिए सुनील गावस्कर और अशोक मांकड की जोड़ी ने 72 रन बोर्ड पर लगाए। हालांकि उसके बाद मांकड 40 रन बनाकर नोरीगा की गेंद पर चलते बने। हालांकि सुनील गावस्कर दूसरे छोर पर डटे रहे। मगर दांत में दर्द के चलते आउट होने से पहले गावस्कर ने 265 गेंदों का सामना करते हुए 11 चौकों की मदद से 116 रनों की शानदार पारी खेली।
दरअसल एक रिपोर्ट के मुताबिक तीसरे टेस्ट से पहले ट्रैनिंग के दौरान गावस्कर ने कप्तान अशोक मांकड को उनके गले में बर्फ का पानी डालने के लिए कहा लेकिन गलती से बर्फ का एक छोटा से टूकड़ा गावस्कर के दांत में जाकर फंस गया। उसके बाद अगले दिन भी गावस्कर ने दर्द के साथ मैदान में एंट्री की। हालांकि उन्होंने कैरेबियन घातक गेंदबाज गैरी सोबर्स, लांस गिब्स, कीथ बॉयस और जैक नोरिगा का डंटकर सामना किया। और अपने टेस्ट करियर का पहला शतक जड़ा। जिसके दम पर भारत ने पहली पारी में 376 रन बोर्ड पर लगाए।
उसके बाद मेजबान टीम ने दूसरी पारी में चार्ली डेविस की नाबाद शतकीय पारी के चलते 3 विकेट के नुकसान पर 307 रन बनाकर पारी घोषित की। वहीं भारत ने मुकाबला ड्रॉ पर समाप्त होने से पहले बिना कोई विकेट गंवाए 123 रन बना लिए थे।