
आज से ठीक 40 बरस पहले आज ही के दिन यानी 1 फरवरी 1985 को हैदराबाद के मोहम्मद अजहरुद्दीन ने कानपुर के ग्रीन पार्क मैदान पर 21 साल की उम्र में लगातार अपना तीसरा टेस्ट शतक जड़कर इतिहास रच दिया था। मोहम्मद अजहरुद्दीन की यह ऐतिहासिक पारी क्रिकटे इतिहास की स्वर्णिम अक्षरों में लिखी गई है। अजहर ने यह शतकीय पारी खेलकर यह कारनामा करने वाले पहले बल्लेबाज बने थे।
मोहम्मद अजहरुद्दीन तीसरे टेस्ट में जड़ा था लगातार तीसरा शतक
कानपुर के ग्रीन पार्क मैदान पर खेले गए इस मुकाबले में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 553 रन बनाए थे। एक बार फिर मोहम्मद अजहरुद्दीन ने अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी प्रदर्शन किया। इस क्रिकेटर ने पांचवें टेस्ट मैच की पहली पारी में 122 रन बनाए। इंग्लैंड की पहली पारी 417 रन पर सिमट गई थी लेकिन मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ। इंग्लैंड ने 5 मैचों की सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली है।
इंग्लैंड के खिलाफ 1985 की टेस्ट सीरीज के दौरान, अजहर को दिलीप वेंगसरकर की जगह तीसरे स्थान पर रखा गया था। अगर हम मैच को याद करते हैं, तो यह एक गर्मी का समय था जब कप्तान सुनील गावस्कर क्लीन बोल्ड थे और अजहर ने मैदान पर एंट्री की। अजहर अच्छी फॉर्म में थे ऐसे में इस युवा बल्लेबाज ने इंग्लिश गेंदबाजों की जमकर धुलाई की और श्रीकांत के साथ मिलकर सिर्फ 37 ओवरों में 150 रन जोड़े। इस पारी के दम पर अजहर अपने डेब्यू के बाद से लगातार तीसरे शतक के करीब पहुंच रहे थे। हालांकि श्रीकांत 84 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।
उनके बाद मोहिंद्र अमरनाथ भी 15 रन बनाकर सस्ते में आउट हो गए। लेकिन इनके बाद बल्लेबाजी करने आए दिलीप वेंगेसकर ने 137 रनों की पारी खेलकर अजहरुद्दीन का बखूबी साथ दिया। मोहम्मद अजरुद्दीन ने 270 गेंदों का सामना करते हुए 122 रनों की पारी खेली। साथ ही लगातार तीन टेस्ट मैचों में तीसरा टेस्ट शतक जड़कर इतिहास रचा। हालांकि कानपुर में खेला गया यह मुकाबला आखिरी में ड्रॉ पर समाप्त हुआ।