आज से तकरीबन 40 बरस पहले आज ही के दिन यानी 10 जनवरी 1985 को रवि शास्त्री ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सबसे तेज दोहरा शतक लगाकर इतिहास रच दिया था। बड़ौदा के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में बॉम्बे के लिए खेलते हुए, शास्त्री ने सिर्फ 123 गेंदों का सामना करते हुए 200 रन बनाए और दोहरे शतक तक पहुंचने के लिए सिर्फ 113 गेंदें लीं। इसके साथ, रवि शास्त्री ने सबसे तेज फर्स्ट क्लास का दोहरा शतक बनाया, एक रिकॉर्ड जो 33 साल तक चला हालांकि बाद में अफगानिस्तान के बल्लेबाज शफीकुल्लाह ने सिर्फ 89 गेंदों में सिर्फ 89 गेंदों पर 200 रन बनाकर इसे तोड़ दिया।
रवि शास्त्री ने 113 मिनट में जड़ा दोहरा शतक
मैच की बात करें तो पहले बल्लेबाजी करते हुए बॉम्बे ने अपनी पहली पारी में 371/4 रन बनाए जिसमें गुलाम पारकर ने 170 रन बनाए। इसके अलावा लालचंद राजपूत ने भी 66 रन बनाए जबकि शिशिर हट्टंगड़ी ने 83 रन बनाए। बड़ौदा की ओर से विनीत वाडकर ने तीन जबकि सुरेश केशवाला ने एक विकेट लिया।
बॉम्बे के 371 रनों के जवाब में बड़ौदा ने आठ विकेट खोकर 330 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। सुरेश केशवाला ने नाबाद 100 * रन बनाए, इसके अलावा तिलक राज ने 55 रन बनाए जबकि मोहिंदर अमरनाथ ने 88 रनों की पारी खेली। बॉम्बे के लिए राजू कुलकर्णी और रवि शास्त्री ने तीन-तीन विकेट लिए जबकि सुरु नायक ने दो विकेट लिए। पहली पारी में 41 रनों की बढ़त बना ली। लालचंद राजपूत ने दूसरी पारी में बॉम्बे के लिए शतक बनाया और 136 रन बनाकर आउट हो गए।
इसके बाद रवि शास्त्री ने 13 चौकों और इतने ही छक्कों की मदद से नाबाद 200 (113) रन बनाए। दाएँ हाथ के इस बल्लेबाज ने दो घंटे से भी कम समय में अपना दोहरा शतक पूरा किया और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में एक नई उपलब्धि हासिल की। बॉम्बे ने दूसरी पारी में 457/5 का स्कोर बनाया जिससे बड़ौदा को जीत के लिए 499 रनों का लक्ष्य मिला। जीत के लक्ष्य का पीछा करते हुए बड़ौदा ने मैच के ड्रॉ में समाप्त होने से पहले 81 रन पर सात विकेट गंवा दिए।