
आज से ठीक 28 बरस पहले आज ही के दिन यानी 31 मार्च 1997 को वेस्टइंडीज ने पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के तीसरे मैच में भारत 38 रन से हारकर सीरीज में 1-0 से बढ़त बनाई। यह ब्रायन लारा का बतौर कप्तान पहला टेस्ट मुकाबला था। इस मैच में कैरेबियन स्टार बल्लेबाज शिवनारायन चंद्रपॉल ने 137 रनों की शानदार शतकीय पारी खेलकर कैरेबियन टीम को मैच जीताने में अहम भूमिका निभाई थी। भारत को जीत के लिए दूसरी पारी में 120 रनों की जरूरत थी, लेकिन भारत की पारी महज 81 रनों पर सिमट गई।
रोमांचक टेस्ट मुकाबला जीतकर बनाई सीरीज में बढ़त
पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला बारबाडोस के ब्रिजटाउन में खेला गया। 27 मार्च से 31 मार्च के बीच खेले गए इस मुकाबले में कैरेबियन टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए शिवनारायन चंद्रपॉल की 137 रनों की नाबाद पारी के दम पर 298 रन पहली पारी में बोर्ड पर लगाए। उनके अलावा कर्टली एम्ब्रोस 37 रन बनाकर कैरेबियन टीम की ओर से दूसरे टॉप स्कोरर रहे। भारत की ओर से वेंकटेश प्रसाद ने पांच विकेट हॉल अपने नाम किया। वहीं उनके अलावा डोढा गणेश के हिस्से में 2 और अनिल कुंबले और अबे कुरुविल्ला के हिस्से में 1-1 सफलताएं आई।
जवाब में भारत पहली पारी में लक्ष्मण और नवजोत सिद्धु के विकेट जल्दी गिरने के बाद राहुल द्रविड़ और कप्तान सचिन तेंदलुकर के बीच 170 रनों की साझेदारी से मैच में मजबूत पकड़ बना ली। राहुल द्रविड़ 78 रन बनाकर ईयान बिशप की गेंद पर बोल्ड हुए। वहीं सचिन तेंदुलकर भी शतक से चूक गए और 147 गेंदों में 92 रनों की पारी खेलकर बिशप की गेंद पर अपना विकेट गंवा गए। हालांकि इसके बाद भारत की पूरी पारी 319 रनों पर सिमट गई।
वहीं वेस्टइंडीज दूसरी पारी में कप्तान ब्रायन लारा की 45 रनों की पारी की मदद से 140 रन बोर्ड पर लगाने में कामयाब हुई। ऐसे में भारत को सीरीज में बढ़त बनाने के लिए महज 120 रनों की दरकार थी, लेकिन भारत की दूसरी पारी महज 81 रनों पर सिमट गई। जिसके चलते भारत को 38 रनों से हार का सामना करना पड़ा। इस जीत के साथ वेस्टइंडीज ने 1-0 से बढ़त बना ली।