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आज से ठीक 26 बरस पहले आज ही के दिन यानी 31 जनवरी 1999 को भारत और पाकिस्तान के बीच नौ बरसों बाद चेन्नई में एक रोमांचक टेस्ट मुकाबला खेला गया। खेला गया यह रोमांचक  मुकाबला अजीबोगरीब मोड पर समाप्त हुआ। 271 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी मेजबान भारत ने एक समय 81 रनों पर 5 विकेट गंवा दिए थे। हालांकि सचिन तेंदुलकर की शतकीय पारी के चलते भारत की उम्मीदें जगी, लेकिन तेंदुलकर की यह जुझारु पारी भारत को जीत नहीं दिला सके। 

सचिन तेंदुलकर की शतकीय पारी के बावजूद भारत को मिली हार 

दरअसल आज से ठीक 26 बरस पहले भारत और पाकिस्तान के बीच नौ बरस के लंबे अंतराल के बाद टेस्ट मुकाबला खेला गया। चेन्नई में खेले गए इस टेस्ट मुकाबले में पाकिस्तान ने वसीम अकरम की कप्तानी में मोहम्मद यूसुफ और मोईन खान की क्रमश: 53 और 60 रनों की पारियां के दम पर पहली पारी में 238 रन बोर्ड पर लगाए। भारत की ओर से अनिल कुंबले ने सर्वाधिक छह विकेट चटकाए। जिसके जवाब में भारत ने राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली की अर्धशतकीय पारियों के दम पर 254 रन बोर्ड पर लगाकर 16 रनों की बढ़त हासिल की। 

हालांकि पाकिस्तान ने दूसरी पारी में वापसी करते हुए शाहीद अफरीदी की 141 रनों की धमाकेदार पारी के साथ-साथ इंजमाम उल हक की अर्धशतकीय पारियों के दम पर 286 रन बोर्ड पर लगाकर भारत को जीत के लिए 271 रनों का लक्ष्य दिया। जिसका पीछा करने उतरी मेजबान टीम ने महज 82 रनों के स्कोर पर 5 विकेट गंवा दिए। द्रविड़-लक्ष्मण-गांगुली जैसे दिग्गज बल्लेबाज वापस पवेलियन लौट चुके थे। हालांकि अभी भी सचिन तेंदुलकर एक छोर पर भारत की जीत के लिए संघर्ष करते नजर आ रहे थे। तेंदुलकर ने नयन मोंगिया के साथ मिलकर छठे विकेट के लिए 136 रन जोड़कर भारतीय फैंस की जीत उम्मीदों को जिंदा रखा।

हालांकि भारत की जीत से महज 17 रन पहले सचिन तेंदुलकर सकलैन मुश्ताक का शिकार बनकर पवेलियन लौटे। उसके बाद भारत की पूरी टीम महज 258 रनों पर सिमट गई। जिसके चलते भारत को 12 रनों से करीबी शिकस्त का सामना करना पड़ा।