एशेज सीरीज की अहमियत इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के लिए किसी बड़े टूर्नामेंट से कम नहीं है। दोनों टीम के बीच इस रोमांचक सीरीज को जीतने के लिए एक सदी से भी ज्यादा समय से कड़ी टक्कर देखने को मिलती रही है। जो अभी तक जारी है। ऐसे में आज से तकरीबन 19 साल पहले इंग्लैंड ने आज ही के दिन यानी 12 सितंबर 2005 को खेले गए एशेज सीरीज 2005 के आखिरी और पांचवें टेस्ट मुकाबले को ड्रॉ करवाकर 16 साल बाद ऐतिहासिक एशेज सीरीज अपने नाम की थी।
16 साल बाद इंग्लैंड ने जीती थी एशेज सीरीज
एशेज सीरीज 2005 में आज ही के दिन यानी 12 सितंबर 2005 को पांच मैचों की एशेज सीरीज का सबसे अहम मुकाबला इंग्लैंड के ओवल में खेला गया था। यह मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज गेंदबाज ग्लेन मैकग्राथ का इंग्लिश सरजमी पर आखिरी मुकाबला था। बारिश से प्रभावित इस मुकाबले में इंग्लैंड के लिए केविन पीटरसन ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। वहीं ऑस्ट्रेलिया के लिए शेन वॉर्न ने घातक गेंदबाजी करके मुकाबला जीताने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे।
मुकाबले की बात करे तो खेले गए इस मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करने उतरी मेजबान इंग्लैंड की शुरुआत बेहद शानदार रही। बढ़िया शुरुआत मिलने के बाद अचानक लंच से पहले इंग्लैंड ने 131 रनों के स्कोर पर चार विकेट गंवा दिए। एंड्रयू स्ट्रॉस ने पहली पारी में 129 रनों का अहम योगदान देते हुए इंग्लैंड को 373 रनों के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया।
जिसके जवाब में मेहमान ऑस्ट्रेलिया ने सलामी बल्लेबाज जस्टिन लेंगर और मैथ्यू हेडिन की शतकीय पारियों के दम पर पहली पारी में 367 रन बोर्ड पर लगाए। हालांकि इंग्लैंड की दूसरी पारी में शुरुआत बेहद निराशाजनक रही।
पीटरसन बने थे इंग्लैंड टीम के संकटमोचक
मेहमान टीम ने 199 रनों के स्कोर पर 7 विकेट गंवा दिए थे। हालांकि दूसरे छोर पर टीम के संकटमोचक बनकर खड़े केविन पीटरसन ने 158 रनों की शानदार पारी खेलकर इंग्लैंड को मुकाबला हारने से बचाया। पीटरसन ने इस ताबड़तोड़ पारी में 15 चौके और 7 छ्क्के जड़े थे। उनकी इस पारी के चलते बारिश बाधित मुकाबला आखिरी दिन ड्रॉ हो गया। जिसके चलते 16 बरसों के लंबे सूखे के बाद इंग्लैंड ने एशेज सीरीज पर 2-1 से कब्जा किया।