भारत के सबसे सफलत्तम कप्तानों में से एक रहे एमएस धोनी की कप्तानी में भारत ने तीन आईसीसी ट्रॉफियां अपने नाम की थी। लेकिन आज से 13 बरस पहले वनडे वर्ल्ड कप में शानदार जीत के बाद इंग्लैंड पहुंची भारतीय टीम को मेजबान टीम के हाथों करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। उस दौरे पर भारत को हराकर इंग्लैंड ने सात सालों बाद सीरीज में वाइटवॉश किया था।
इंग्लैंड ने घर पर भारत को दी थी टेस्ट सीरीज में 4-0 से मात
दरअसल ठीक 13 बरस पहले आज ही के दिन यानी 22 अगस्त 2011 को चार मैचों की टेस्ट सीरीज का आखिरी मुकाबले का आखिरी दिन था। ओवल में खेले गए उस टेस्ट मुकाबले में इंग्लैंड के लिए इयान बेल, केविन पीटरसन के साथ बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए 350 रन की साझेदारी के दौरान अपना पहला दोहरा शतक बनाया। इंग्लैंड की पहली पारी में बेल ओर पीटरसन ने क्रमश: 235 और 175 रनों की अहम पारियां खेली। जिसके चलते इंग्लैंड ने 6 विकेट के नुकसान पर 591 रन बनाकर पारी घोषित कर दी।
वहीं भारत की ओर से केवल राहुल द्रविड़ संघर्ष करते नजर आए। द्रविड ने मैच की पहली पारी में 142 रनों की शानदार पारी खेलकर भारत को मुकाबले में बनाए रखा। लेकिन दूसरे छोर से किसी भी बल्लेबाज ने द्रविड़ का साथ नहीं दिया। जिसके चलते भारत पहली पारी में महज 300 रन ही बना सका। इसके साथ ही इंग्लैंड ने भारत को फॉलो-ऑन खिलाया। जिसमें भारत की पूरी पारी 283 रनों पर सिमट गई। दूसरी पारी में सचिन तेंदुलकर 91 रन बनाकर सर्वाधिक स्कोरर रहे। वहीं स्टार स्पिनर अमित मिश्रा ने 84 रनों का योगदान दिया।
हालांकि जब सचिन तेंदुलकर और अमित मिश्रा ने आखिरी दिन 144 रन जोड़े, तो ऐसा लगा कि भारत जीत सकता है, लेकिन तेंदुलकर अपने 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक से नौ रन दूर रह गए, जिसके बाद भारत ने अचानक 21 रन पर पांच विकेट खो दिए। इस सीरीज में स्टार इंग्लिश स्पिनर ग्रीम स्वान ने मैच में नौ विकेट लिए।
हालांकि उसके बाद विराट कोहली ने तकरीबन सात साल बाद इंग्लैंड को 0-2 से हराकर इस करारी हार का हिसाब बराबर किया।