
आज से ठीक 7 बरस पहले आज ही के दिन यानी 24 मार्च 2018 को केपटाउन में खेले गए ऑस्ट्रेलिया और मेजबान साउथ अफ्रीका के बीच टेस्ट मकुाबलें के तीसरे दिन क्रिकेट इतिहास का सबसे शर्मनाक कांड किया। जिसमें तात्कालीन ऑस्ट्रेलियन कप्तान स्टीव स्मिथ उप कप्तान डेविड वॉर्नर समेत कैमरून बैनक्रॉफ्ट शामिल थे। सैंड पेपर गेट नाम से मशहूर यह कांड ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट इतिहास का सबसे काला दिन था।
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने की गेंद से छेडकानी, कैमरे में कैद हुई घटना
आज से सात बरस पहले आज ही के दिन यानी 24 मार्च 2018 को क्रिकेट के इतिहास में एक काला दिन था। इस दिन, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ, कैमरून बैनक्रॉफ्ट और डेविड वार्नर को अब 'सैंडपेपरगेट' का दोषी पाया गया। जहां उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट के दौरान केपटाउन में गेंद से छेड़छाड़ करने की कोशिश की। यह घटना टेस्ट मैच के तीसरे दिन हुई। दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी के 311 रनों के जवाब में ऑस्ट्रेलिया केवल 255 रन ही बना सका था। जैसे ही मेजबान टीम दूसरी बार बल्लेबाजी करने आई, डीन एल्गर का विकेट जल्दी खोने के बावजूद टीम ने एक मजबूत शुरुआत की। एबी डिविलियर्स और एडेन मार्कराम ने क्रमशः 63 और 84 रन बनाकर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की जमकर धुनाई की।
हालांकि इसी दिन मैच के दौरान ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी बैनक्रॉफ्ट को गेंद को पीले रंग के एक पेपर से रगड़ते देखा गया था। यह घटना कैमरे में कैद हो गई। बैनक्रॉफ्ट तब घबरा गए और पेपर को अपने पजामें में छिपाने की कोशिश की। बाद में उन्होंने मैदानी अंपायरों को एक माइक्रोफाइबर कपड़ा दिखाया और कहा कि यह वह वस्तु थी जिसका उपयोग वह लाल गेंद को चमकाने के लिए कर रहे थे। हालांकि, उस दिन बाद में, वार्नर, स्टीव स्मिथ और बैनक्रॉफ्ट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गेंद से छेड़कानी की बात स्वीकार की। वहीं इस दौरान कप्तान स्मिथ ने स्वीकार किया कि उन्हें इस योजना के बारे में पता था, लेकिन उन्होंने कप्तान के रूप में पद छोड़ने से इनकार कर दिया। इन खुलासों के बाद मीडिया में हलचल मच गई।
इस घटना के बाद आईसीसी के मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट द्वारा बैनक्रॉफ्ट पर लेवल 2 के अपराध का भी आरोप लगाया गया था, जबकि स्मिथ पर खेल की भावना को बाधित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया था। दोनों क्रिकेटरों ने आरोपों को स्वीकार किया। स्मिथ और वार्नर दोनों को कप्तान और उप-कप्तान के रूप में अपने पदों से इस्तीफा देना पड़ा। इन दोनों को उस साल आईपीएल में खेलने से भी बैन कर दिया गया था। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने दोनों बल्लेबाजों पर 12 महीने का प्रतिबंध लगाया, जबकि बैनक्रॉफ्ट पर नौ महीने का बैन भी लगाया गया। इस घटना के बाद टिम पैन ने ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी संभाली।