crediting gambhir for kanpur test win is foot licking of highest quality sunil gavaskar

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भारतीय टीम ने बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए कानपुर टेस्ट मैच में धमाकेदार बल्लेबाजी एप्रोच अपनाते हुए शानदार जीत दर्ज की। भारत की इस जीत के बाद टीम के हेड कोच गौतम गंभीर की जमकर तारीफ हुई। कई क्रिकेट पंडितों ने भारत की इस जीत का श्रेय गौतम गंभीर को देते नजर आए। हालांकि पूर्व सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर क्रिकेट पंडितों की इन बातों से अलग सोचते हैं। गावस्कर का मानना है कि भारत की इस एप्रोच का श्रेय गंभीर नहीं रोहित शर्मा को दिया जाना चाहिए। 

गौतम गंभीर को लेकर गावस्कर का सनसनीखेज बयान 

बांग्लादेश के खिलाफ कानपुर में खेले गए सीरीज के आखिरी टेस्ट मुकाबले में भारत ने महज 3 ओवर में 50 रन बोर्ड पर लगाते हुए सभी को चौंका दिया था। इस मुकाबले में भारत ने कई वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज करवाए। जिसमें सबसे तेज 50 से लेकर 250 तक रन बनाने का रिकॉर्ड भारत ने अपने नाम किया था। भारत की इस आक्रामक एप्रोच के चलते टीम इंडिया ने पांचवां दिन खत्म होने से पहले ही मैच जीतकर क्रिकेट जगत में सुर्खियां बनाई थी। 

कानपुर टेस्ट की इस शानदार जीत के बाद कई क्रिकेट फैंस ने भारत की इस अटैकिंग एप्रोच का पूरा श्रेय टीम के नए हेड को गौतम गंभीर को देते हुए उनकी जमकर तारीफ करते नजर आए। हालांकि भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर की राय इससे अलग है। 

स्टारस्पोर्ट्स से बात करते हुए गावस्कर ने कहा कि " पिछले साल जैसा इंडिया में देखा गया था, यह एप्रोच टेस्ट में काम नहीं करता है। केवल एक या दो मैचों में ही विरोधी टीम सरप्राइज हो सकती है। एक पेपर ने इंडियन टीम की बैटिंग को 'बॉसबॉल' कहा, क्योंकि कप्तान या टीम के बॉस रोहित शर्मा ने टीम को वो रास्ता दिखाया। कुछ पुराने लोगों ने इसे गौतम गंभीर के नाम पर 'गेमबॉल' कहा।

हालांकि गौतम गंभीर केवल कुछ ही महीने से कोचिंग कर रहे हैं। इसलिए इस तरह की बात करना उनके तलवे चाटने जैसा है। गौतम गंभीर कभी खुद इस तरह की बैटिंग नहीं करते थे, जैसा ब्रेंडन मैक्कलम टेस्ट क्रिकेट में करते थे। इसका पूरा श्रेय रोहित शर्मा को दिया जाना चाहिए। इस तरह के शब्दों का प्रयोग करने की बजाय मेरे हिसाब से कप्तान के पहले नाम का प्रयोग किया जाना चाहिए। इसे 'गोहित' एप्रोच कहना चाहिए।"