t20 world cup 2007 sportstiger 1

अमेरिका और वेस्टइंडीज की संयुक्त मेजबानी में खेले जाने वाली आगामी टी-20 वर्ल्ड कप 2024 के शुरु होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं। 1 जून से खेले जाने वाले इस मेगा टूर्नामेंट में 20 टीमें भाग लेंगी। इस फॉर्मेट के मेगा टूर्नामेंट की शुरुआत आज से करीब 17 साल पहले 2007 में हुई थी। तब से लेकर अब तक आठ संस्करण खेले जा चुकें हैं। हालांकि भारतीय टीम साउथ अफ्रीका की मेजबानी में 2007 में खेले गए पहले संस्करण के अलावा कोई भी टी-20 वर्ल्ड कप जीतने में कामयाब नहीं हो सकी।

इस आर्टिकल में हम आपको 2007 टी-20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की शानदार प्रदर्शन पर एक नजर डालेंगे। 

1 जून से खेले जाने वाले मेगा टूर्नामेंट की शुरुआत मेजबान अमेरिका और कनाडा के बीच खेले जाने वाले मुकाबले के साथ होने वाला है। रोहित शर्मा की अगुवाई में भारतीय टीम आयरलैंड के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत 5 जून को करेगी। हालांकि मेंगा टूर्नामेंट के पहले संस्करण का आयोजन 2007 में 11 से 24 सितंबर, 2007 तक दक्षिण अफ्रीका में हुआ था। 

जिसमें महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में भारत ने इतिहास रचा था। उस टूर्मनामेंट में जीतकर इंडिया पहला देश बना था, जिसने यह खिताब अपने नाम किया हो। हालांकि जिसके पीछे कई कारण रहे थे। 

T20 विश्व कप 2007 में भारतीय टीम

सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में भारतीय टीम की कमान युवा एमएस धोनी को सौंपी गई थी। अनुभवी खिलाड़ियों के बिना एमएस धोनी ने शानदार कप्तानी करते हुए टीम को खिताब जीताने में अहम योगदान दिया। टी-20 वर्ल्ड कप 2007 में भारत की टीम इस प्रकार थी। 

एमएस धोनी (कप्तान और विकेटकीपर) युवराज सिंह (उप-कप्तान) अजीत अगरकर, पीयूष चावला, गौतम गंभीर, हरभजन सिंह, जोगिंदर शर्मा, दिनेश कार्तिक, यूसुफ पठान, इरफान पठान, वीरेंद्र सहवाग, रोहित शर्मा, आरपी सिंह, एस श्रीसंत, रॉबिन उथप्पा 

भारत का ग्रुप स्टेज में प्रदर्शन

मेन इन ब्लू को टी-20 वर्ल्ड कप 2007 में पाकिस्तान और स्कॉटलैंड के साथ ग्रुप डी में रखा गया था।  भारत ने अपना पहला ग्रुप-स्टेज मैच स्कॉटलैंड के खिलाफ खेला, लेकिन बारिश के कारण खेल रद्द हो गया। बाद में 14 सितंबर को भारत का सामना चिर प्रतिद्वंद्वी और पड़ोसी पाकिस्तान से हुआ। मैच टाई हो गया और भारत ने बॉल-आउट में  3-0 से जीत हासिल की। इस समय तक, पाकिस्तान पहले ही सुपर 8 में जगह बना चुका था। 

सुपर 8 में एंट्री 

पाकिस्तान के खिलाफ जीत के साथ एमएस धोनी एंड कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका के साथ सुपर 8 में जगह बनाई। इन आठ टीमों को दो समूहों में विभाजित किया गया था, प्रत्येक समूह में चार टीमें थीं।  भारत ने 16 सितंबर को न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला, जहां कीवी टीम ने भारत पर 10 रन से जीत दर्ज की। 

बाद में 19 सितंबर को, भारत इंग्लैंड के खिलाफ था, एक ऐतिहासिक खेल जिसमें वर्तमान भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और जोगिंदर शर्मा ने अपना टी-20 इंटरनेशनल डेब्यू किया। इस खेल में युवराज सिंह ने केवल 12 गेंदों में टी-20   इतिहास का  सबसे तेज अर्धशतक भी बनाया। इतना ही नहीं, एक युवराज सिंह टी20 में एक ओवर में 6 छक्के लगाने वाले पहले खिलाड़ी भी बने।  मैच में भारत ने 18 रनों से जीत हासिल की। 

20 सितंबर को मेन इन ब्लू ने दक्षिण अफ्रीका के साथ कंधे से कंधा मिलाकर 37 रनों के अंतर से जीत हासिल की। इस जीत के साथ, न्यूजीलैंड और भारत ने उच्च नेट रन रेट के साथ सेमीफाइनल में प्रवेश किया। दूसरी ओर, समान अंक होने के बावजूद दक्षिण अफ्रीका को बाहर कर दिया गया। 

नॉकआउट में भारत का प्रदर्शन 

भारत ने टूर्नामेंट के सेमीफाइनल-2 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबला खेला और 15 रनों की जीत के साथ, वे फाइनल में पहुंचे। उनके साथ कट्टर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान ने भी सेमीफाइनल-1 में न्यूजीलैंड को 6 विकेट से हराकर फाइनल में जगह बनाई। 

फाइनल मुकाबले में भारत का प्रदर्शन 

टूर्नामेंट आखिरी और अहम मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को पांच रन से हराया और टी-20 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया। इस मैच में यूसुफ पठान ने अपना टी-20 डेब्यू भी किया। पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर मैथ्यू हेडन के बाद दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे। गंभीर ने छह पारियों में 227 रन बनाए। 

दूसरी ओर, भारत के पूर्व स्टार आर. पी. सिंह टूर्नामेंट के दौरान तीसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। उन्होंने टूर्नामेंट में कुल 12 विकेट चटकाए थे।