why pakistan got knocked out of icc champions trophy 2025 1740479764514 original

19 फरवरी से चैंपियंस ट्रॉफी के नौवें संस्करण की मेजबानी पाकिस्तान कर रहा है। हालांकि न्यूजीलैंड और भारत के खिलाफ मिली दो लगातार हार के चलते मेजबान पाकिस्तान मेगा टूर्नामेंट के महज पांच दिन बाद ही सेमीफाइनल की रेस से बाहर हो गया था। डिफेंडिंग चैंपिंयस पाकिस्तान ने इस टूर्नामेंट में हर सूबे में निराशाजनक प्रदर्शन किया। जिसके चलते 29 साल बाद किसी आईसीसी ट्रॉफी की मेजबानी अपनी सरजमी पर करने वाला मेजबान सेमीफाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहा। इस आर्टिकल में हम पाकिस्तान के टूर्नामेंट से बाहर होने की तीन मुख्य वजहों पर एक नजर डालेंगे। 

पाकिस्तान के आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर होने की तीन मुख्य वजहें 

1.ओपनिंग जोड़ी का लगातार निराशाजनक प्रदर्शन

out of form opening pair

मौजूदा चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान के लिए मुख्य चिंता उनकी सलामी जोड़ी रही है।  गौरतलब है कि पहले सईम अयूब और बाद में फखर जमान को न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले ही मैच में चोटिल होने के बाद टूर्नामेंट से बाहर कर दिया गया था, जिसके कारण पाकिस्तान मैनेजमेंट ने इमाम-उल-हक को रिप्लेसमेंट के तौर पर टीम में शामिल किया। हालांकि, इमाम और बाबर आजम दोनों अभी तक प्रभाव नहीं डाल पाए हैं। भारत के खिलाफ महज 41 रनों पर पाकिस्तान को पहला झटका लगा था।

2. तेज गेंदबाजों का खराब प्रदर्शन

underwhelming performance from fast bowlers

तेज गेंदबाज पिछले कुछ वर्षों से पाकिस्तान क्रिकेट टीम की ताकत रहे हैं। 2017 में पाकिस्तान के चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीताने में तेज गेंदबाजों का अहम योगदान रहा था। हालांकि, जब पाकिस्तान अपने घरेलू दर्शकों के सामने खिताब का बचाव करने मैदान पर उतरा तो तेज गेंदबाज अप्रभावी साबित हुए और महत्वपूर्ण क्षणों में विकेट चटकाने में नाकाम रहे।  शाहिन अफरीदी, हारिस रउफ और नसीम शाह जैसे स्टार तेज गेंदबाज पाकिस्तान के लिए एक बड़े आईसीसी इवेंट में अपना लौहा मनवाने में नाकाम रहे।

3. अनुभवी स्पिनरों की कमी

lack of quality spinners

पाकिस्तान की चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की टीम में अबरार अहमद के साथ अनुभवी स्पिनरों की कमी है जो टूर्नामेंट से पाकिस्तान के टुर्नामेंट से जल्दी बाहर होने का एक मुख्य कारण हो सकता है। पाकिस्तान और दुबई की पिचें स्पिनरों के लिए बेहद अनुकूल मानी जाती रही है। ऐसे पिचों में पाकिस्तान महज अबरार के रूप में इकलौते स्पिन स्पेशलिस्ट के साथ दूसरी टीमों से मुकाबला करने में नाकाम रहा।