
पूर्व भारतीय दिग्गज क्रिकेटर और कमेंटेटर संजय बांगर की बेटी और ट्रांस वुमन अनाया बांगर ने इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड पर दोगलेपन का आरोप लगाया है और उनकी एलजीबीटीक्यू समुदाय के प्रति दिखावटी सहयोग के लिए आलोचना की। उन्होंने बताया है कि ईसीबी ने भारत के खिलाफ खेले गए हेडिंग्ले टेस्ट के शुरुआती तीन दिन एलजीबीटीक्यू समुदाय के लिए स्टंप पर प्राइड थीम वाले फ्लैग लगाए। हालांकि मैच के चौथे दिन उन्हें हटा दिया।
अनाया बांगर ने ईसीबी पर लगाया दोगलापन का आरोप
पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय बांगर की ट्रांस बेटी अनाया बांगर ने ईसीबी को एलजीबीटीक्यू समुदाय का साथ देने लिए हेडिंग्ले टेस्ट की शुरुआती तीन दिन स्टंप पर प्राइड थीम वाले फ्लैग लगाने को दिखावटी बताते हुए उनपर जमकर निशाना साधा है। अनाया ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर वीडियो पोस्ट करते हुए ईसीबी को निशाना बनाया है।
उन्होंने उसमें कहा "ईसीबी ने भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट के दौरान शुरुआती तीन दिन एलजीबीटीक्यू समुदाय का साथ देने के लिए स्टंप पर प्राइड थीम के फ्लेग लगाए। हालांकि उनको चौथे दिन हटा लिए। उसी दौरान यूके सुप्रीम कोर्ट ने समानता अधिनियम से ट्रांस वूमन के अधिकारों को वापस ले लिया। ईसीबी ने ने ट्रांस वूमन को न केवल एलिट क्रिकेट के साथ साथ प्रोफेशनल क्रिकेट से भी बेन कर दिया। तो यह दिखावटी पन किस लिए? आप एक तरफ ट्रांस वूमन को क्रिकेट से बेन करके दूसरी तरफ उनके सहयोग का दिखावा नहीं कर सकते। यह दोगलापन है। इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता।"
गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में ईसीबी ने ट्रांस वूमन को लेकर एक विवादास्पद नियम पास किया था। जिसमें ट्रांस वूमन को सामान्य महिलाओं के साथ क्रिकेट खेलने से रोक लगाया था। यूके सुप्रीम कोर्ट ने हालिया फैसले में इसका हवाला देते हुए महिला क्रिकेट में निष्पक्षता बनाए रखने के लिए केवल जन्म के समय महिला के रूप में पैदा हुई लड़कियों को ही वूमन क्रिकेट खेलने को लेकर फैसला सुनाया था।