पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर के टीम इंडिया के हेड कोच बनने के बाद से भारतीय टीम को कई सीरीजों से हाथ धोना पड़ा। पहले भारतीय टीम को 28 बरस बाद श्रीलंका के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। उसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ घर पर टेस्ट सीरीज गंवानी पड़ी। यहीं नहीं हाल ही में 10 साल बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में गंभीर के कार्यकाल में भारत के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पूर्व भारतीय क्रिकेटर और बंगाल के पूर्व खेल मंत्री मनोज तिवारी ने उन्हें आडे़ हाथों लेते हुए दोगला बताया है।
मनोज तिवारी ने गौतम गंभीर पर साधा निशाना
भारतीय टीम को हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 10 साल बाद 1-3 से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। भारत की इस हार के बाद आलोचकों ने भारतीय बल्लेबाजों से लेकर हेड कोच गौतम गंभीर को निशाना बनाया। ऐसे में भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी और बंगाल के खेल मंत्री मनोज तिवारी ने गौतम गंभीर पर निशाना साधते हुए उनको पाखंडी बताया।
न्यूज 18 बांग्ला से बात करते हुए मनोज तिवारी ने कहा कि "गेंदबाजी कोच का क्या उपयोग है? कोच जो भी कहेगा, वह मान जाएगा। मोर्ने मोर्कल लखनऊ सुपर जायंट्स से आए थे। अभिषेक नायर गंभीर के साथ कोलकाता नाइट राइडर्स में थे और भारतीय मुख्य कोच के पास उनके साथ कंफर्ट जोन है। उनको पता है कि मैनेजमेंट में मौजूद साथी कोच उनका विरोध नहीं करेंगे, साथ ही कभी उनके खिलाफ नहीं जाएंगे।"
उन्होंने आगे कहा, "गौतम गंभीर पाखंडी हैं। वह जो कहता है वह नहीं करता है। कप्तान मुंबई से है, अभिषेक नायर मुंबई से है। रोहित को सभी मुद्दों से निपटने के लिए उनके द्वारा सबसे आगे कर दिया जाता है। वे एक साथ कैसे काम करेंगे? रोहित शर्मा वर्ल्ड कप विनर कप्तान है, जबकि गंभीर ने बतौर कप्तान और मेंटर केकेआर को खिताब जिताया है। हालांकि गंभीर ने अकेले खिताब नहीं जिताया बल्कि हम सभी ने एक यूनिट के तौर पर शानदार प्रदर्शन किया। जैक कैलिस, सुनील नरेन और मैं सभी ने इसमें योगदान दिया, लेकिन इसका श्रेय किसने लिया?"