amit mishra ipl 2025 sportstiger

Credit: BCCI/IPL

भारतीय स्टार लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने आज यानी 4 सितंबर को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर अपने 25 साल के क्रिकेट करियर का अलविदा कह दिया है। भारत के लिए 2003 में डेब्यू करने वाले अमित मिश्रा ने भारत के लिए आखिरी बार श्रीलंका के खिलाफ 2017 में खेला था। ऐसे में क्रिकेट से संन्यास के बाद अमित मिश्रा ने भारतीय टीम से बाहर होने पर अपने संघर्ष को याद किया। 

रिटायरमेंट के बाद अमित मिश्रा का छलका दर्द 

2003 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ ढाका में डेब्यू करने वाले अमित मिश्रा को अपने टेस्ट डेब्यू के लिए पांच साल के लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा। जिसके बाद उन्हें 2008 में मोहाली में टेस्ट डेब्यू करने का मौका मिला।

पांच साल के इस लंबे इंतजार के बारे में बात करते हुए अमित मिश्रा ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा "मैंने 2003 में वनडे में डेब्यू किया था। उसके बाद पांच साल का अंतराल रहा। मैं पांच साल तक भारतीय टीम में वापसी नहीं कर सका। मैं अच्छा प्रदर्शन कर रहा था और सब कुछ कर रहा था, लेकिन मैं कोई पछतावा नहीं कह सकता। मैं इतना ज़रूर कह सकता हूं कि अगर मैंने पहले वापसी की होती, 3-4 साल पहले या दो साल पहले तो मैं ज़्यादा मैच खेल सकता था और बेहतर प्रदर्शन कर सकता था। तो यह एक बात है. कोई पछतावा नहीं है।" 

हालांकि इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर रहने के दौरान मिश्रा हरियाणा के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते रहे। उन्होंने चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित करने के लिए अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। 

उन्होंने आगे कहा "जब भी मुझे मौका मिला, मैंने अच्छा प्रदर्शन किया। भले ही मैं इतनी बड़ी लीग में खेला, इतनी बड़ी जगहों पर खेला, दुनिया भर में खेला, मैंने वहां खुद को साबित किया। मैंने वहां अच्छा प्रदर्शन किया, जब लोगों को मुझ पर विश्वास नहीं था। उसके बाद हर टीम ने अपनी टीम में दो बाएं हाथ के स्पिनर रखने शुरू कर दिए। इसलिए मैं अपने करियर से वाकई खुश हूं। हां मेरे करियर में उतार-चढ़ाव आए।" 

"लेकिन मुझे कोई पछतावा नहीं है। जब भी मुझे मौका मिला, मैंने अपना 100 प्रतिशत दिया और मैंने हमेशा वही साबित किया जो मुझे बताया गया था। मैंने प्रदर्शन करने पर फोकस किया। हालाँकि मैं एक से डेढ़ साल तक डिप्रेशन में था। मैं गुस्से में था। मैं प्रदर्शन कर रहा था। उस समय यह थोड़ा सीमित था, लेकिन मैं थोड़ा चिंतित था, लेकिन 1-2 साल बाद मैंने खुद से बात की। मैंने कहा कि मैं क्रिकेट खेलना चाहता हूं। मैं क्रिकेट खेल रहा हूं और मैं प्रदर्शन कर रहा हूं।"

गौरतलब है कि मिश्रा ने अपने इंटरनेशनल करियर में सभी फॉर्मेट में खेले गए 68 मुकाबलों में 156 विकेट अपने नाम किए हैं।