
Credit: ICC
आज से 27 बरस पहले आज ही के दिन यानी 31 अगस्त 1998 को इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच खेले गए इकलौते टेस्ट के आखिरी दिन मुथैया मुरलीधरन की घातक गेंदबाजी के दम पर श्रीलंका ने मेजबान इंग्लैंड को ओवल टेस्ट में 10 विकेट से हराकर शानदार जीत दर्ज की है। मुरलीधरन को उनके शानदार प्रदर्शन के चलते मैन ऑफ द मैच का खिताब दिया गया।
मुथैया मुरलीधरन के सामने इंग्लिश बल्लेबाजों ने ठेके घुटने
27 से 31 अगस्त के बीच खेले गए ओवल टेस्ट में मेजबान इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 445 रन बोर्ड पर लगाए। मेजबान टीम को इस विशाल स्कोर तक पहुंचाने में ग्रीम हिक ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने 238 गेंदों में 107 रनों की पारी खेली। उनके अलावा जॉन क्रॉली ने 249 गेंदों में 156 रनों की पारी खेलकर योगदान दिया था।
हालांकि पहली पारी में ज्यादातर इंग्लिश खिलाड़ी मुथैया मुरलीधरन के सामने घुटने ठेकते नजर आए। श्रीलंका की ओर से मुथैया मुरलीधरन ने 59.3 ओवरों में 2.60 की इकॉनमी रेट से 155 रन खर्च करते हुए 7 विकेट अपने नाम किए।
जवाब में श्रीलंका की ओर से सलामी बल्लेबाज संनथ जयसूर्या ने 213 रनों की धमदार पारी खेली। वहीं मध्यक्रम में बल्लेबाजी करने उतरी अरविंदा डी सिल्वा नेकी 152 रनों की पारी के दम पर पहली पारी में 591 रन बोर्ड पर लगाए। इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड टीम दूसरी पारी में 181 रनों पर ही सिमट गई। मार्क रामप्रकाश 42 रन बनाकर दूसरी पारी में इंग्लैंड के टॉप स्कोरर रहे। श्रीलंका की ओर से इस बार भी मुथैया मुरलीधरन ने घातक गेंदबाजी कराते हुए 9 विकेट अपने नाम किए।
ऐसे में जीत के लिए मिले 37 रनों का पीछा करते हुए श्रीलंका ने बिना विकेट गंवाए सनथ जयसूर्या की 27 और मार्वन अट्टापटू की 9 रनों की पारियों के दम पर महज 7 ओवर में 10 विकेट से जीत दर्ज की।