भारतीय क्रिकेट इतिहास में कई ऐसे खिलाड़ी आए हैं, जिनको शानदार काबिलियत के बावजूद उसके अनुसार शोहरत नहीं मिल सकी। जिसके वो हकदार थे। ऐसे ही एक खिलाड़ी रहे पूर्व भारतीय क्रिकेट वूरकरी वेंकट रमन यानी डब्ल्यूवी रमन (WV RAMAN) । बाएं हाथ के बल्लेबाज रहे डब्ल्यूवी रमन कमाल के खिलाड़ी रहे। हालांकि रमन का भारत की ओर से चमत्कारिक डेब्यू के चलते एक और डेब्यूडेंट के हैरतअंगेज करिश्मे में दब गया।
घातक कैरेबियन गेंदबाज कर्टनी वॉल्श के सामने किया था टेस्ट डेब्यू
आज ही के दिन यानी 23 मई 1965 को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में जन्में पूर्व भारतीय बल्लेबाज डेब्ल्यूवी रमन ने फर्स्ट क्लास करियर की शुरुआत बतौर लेग स्पिनर सन 1982-83 में हुई थी। हालांकि रमन लेग स्पिनर से जल्द ही एक स्टाइलिश बल्लेबाज के रूप में जम गए, और फर्स्ट क्लास में जमकर रनों की बारिश की। हालांकि शानदार फर्स्ट क्लास सीजन के बावजूद रमन को भारतीय टीम में डेब्यू करने के लिए 6 साल इंतजार करना पड़ा। 1988 में भारत के दौर पर आई वेस्टइंडीज टीम के खिलाफ चौथे टेस्ट में रमन को डेब्यू करने का मौका मिला।
चेन्नई के अपने होम ग्राउंड पर खेले गए उस मुकाबले में पैट्रिक पैटरसन, विन्सटन डेविस और कर्टनी वॉल्श जैसे घातक गेंदबाजों के सामने रमन ने 83 रनों की बेहतरीन पारी खेली। हालांकि रमन का यह शानदार डेब्यू भारत की ओर से उसी मुकाबले में दूसरे डेब्यूटेंट रहे नरेंद्र हिरवानी के चमत्कारिक प्रदर्शन के सामने गुम हो गया। उस मुकाबले ेमें स्पिनर नरेंद्र हिरवानी ने दोनों पारियों में 8-8 विकेट हासिल कर इतिहास रचा था। हालांकि इसके बाद रमन को अगले 2-3 सालों तक कुछ और मौके मिले, लेकिन हर बार एक बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहने के चलते रमन की टीम में जगह पक्की नहीं हो सकी।
हालांकि उसी दौर में भारतीय वनडे टीम में जगह मिलने के बाद रमन ने वेस्टइंडीज के सामने दूसरे ही वनडे में 95 रनों की पारी खेली। हालांकि इस सीरीज के पांच साल बाद साउथ अफ्रीका के खिलाफ सेंचुरियन वनडे में 114 रनों की पारी खेलकर रमन ने शानदार रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज करवाया। रमन भारत की ओर से साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज रहे हैं। हालांकि उसी दौर में सचिन, गांगुली, द्रविड़ जैसे खिलाड़ियों के टीम में आने से रमन को ज्यादा मौके नहीं मिल सके।
भारतीय महिला टीम के कोच रहे
दिसंबर 2018 में रमन को भारतीय महिला क्रिकेट टीम का कोच नियुक्त किया गया। दो साल के लिए की गई इस नियुक्ति में रमन ने टीम के लिए अच्छे नतीजे हासिल किए। साथ ही टीम को 2020 के महिला टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंचाया, जहां ऑस्ट्रेलिया ने आखिर में खिताब जीता।