आज से 42 बरस पहले भारत को वर्ल्ड कप जीताकर इतिहास रचने वाले भारत के पूर्व हरफनमौला कप्तान कपिल देव का जन्म आज से 67 बरस पहले आज ही के दिन यानी 6 जनवरी 1959 को पंजाब के चंडीगढ़ में हुआ था। कपिल देव 1980 के दशक में भारत के प्रमुख तेज गेंदबाजी ऑलराउंडरों में से एक थे। टेस्ट और वनडे दोनों में मिलाकर 9000 से अधिक रन और 650 से अधिक विकेटों के साथ, कपिल देव को सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर जैसे महान खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल है।
ऑलराउंडर प्रदर्शन के दम पर भारत को जीताया पहला वर्ल्ड कप
1 अक्टूबर, 1978 को क्वेटा में पाकिस्तान के खिलाफ वनडे मैच में भारत के लिए डेब्यू करने वाले कपिल देव की उम्र उस समय महज 23 साल की थी। हालांकि उनके शानदार प्रदर्शन के देखते हुए कपिल देव को भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान नियुक्त किया गया था। अपनी कप्तानी में कपिल देव ने सबसे पहले इंग्लैंड में आयोजिन 1983 के क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान बतौर अंडरडॉग टीम उस समय की दो बार की चैंपियन टीम वेस्टइंडीज को फाइनल में हराकर सभी को चौंका दिया। उनकी कप्तानी में भारत ने अपने क्रिकेट इतिहास का पहला वर्ल्ड कप खिताब अपने नाम किया।
कपिल देव ने भी उस मेगा टूर्नामेंट में टीम की अगुवाई करते हुए बल्ले से 303 रन बनाए और आठ मैचों में गेंद से 12 विकेट लेते हुए भारत को खिताब जीताने में अहम योगदान दिया। हालांकि इस ऑलराउंडर ने 1994 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहा था। इंटरनेशनल करियर की बात करें तो कपिल देव ने 131 टेस्ट में 5248 रन बनाए और 434 विकेट लिए, साथ ही 225 वनडे मैचों में 3783 रन और 253 विकेट लिए।
कपिल देव के करियर रिकॉर्ड
कपिल देव के पास टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में कप्तान के तौर पर गेंदबाजी में शानदार प्रदर्शन का रिकॉर्ड दर्ज है। दरअसल नवंबर 1983 में अहमदाबाद में वेस्टइंडीज के खिलाफ एक टेस्ट मैच में भारत की अगुवाई करते हुए कपिल देव ने पहली पारी में 83 रन देकर 9 विकेट अपने नाम किए थे।
यहीं नहीं कपिल देव अब छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए वनडे फॉर्मेट की एक पारी में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में दूसरे स्थान पर हैं। 1983 के वर्ल्ड कप के दौरान जिम्बाब्वे के खिलाफ एक मैच में कपिल 175 रनों की नाबाद पारी खेलकर भारत को मैच 31 रन से जीताया।