bapu nadkarni

आज से तकरीबन 61 बरस पहले आज ही के दिन यानी 12 जनवरी 1964 को भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए पहले टेस्ट मुकाबले में भारतीय दिग्गज स्पिनर बापू नादकर्णी ने इतिहास रचते हुए लगातार 21 ओवर मेडन फेंककर इतिहार रच दिया था। उनका यह रिकॉर्ड आज भी किसी भी गेंदबाज के लिए तोड़ना आसान नहीं होगा। बापू नादकर्णी की इस शानदार गेंदबाजी के चलते उन्हें क्रिकेट इतिहास का सबसे कंजूस गेंदबाज कहा जाता रहा है। 

121 गेंदों पर नहीं दिया था एक भी रन 

भारतीय क्रिकेटर बापू नादकर्णी के नाम टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में अविश्वसनीय रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए पहले टेस्ट मुकाबले में लगातार 121 गेंदों पर बल्लेबाजों को एक-एक रन के लिए तरसाया। नाडकर्णी का ये रिकॉर्ड 60 साल से कायम है। 

1964 भारत दौरे पर आई इंग्लैंड और मेजबान भारत के बीच टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला चेन्नई में खेला गया। उस टेस्ट मुकाबले में बापू ने इंग्लिश बल्लेबाजों के एक-एक रन के लिए तरसा दिया था। इस टेस्ट मैच में उन्होंने लगातार 121 गेंदें फेंकी, जिस पर एक भी रन नहीं बने। बापू ने कुल 32 ओवर फेंके जिसमें 27 मेडन थे। उनमें भी 21 लगातार मेडन शामिल थे। बापू ने 32 ओवर के स्पैल में केवल 5 रन दिए।

हालांकि भारत ने पहली पारी में विजय मांजेकर और बुद्धि कुंदरन की शतकीय पारियों के दम पर 457 रनों पर घोषित कर दी। जिसके जवाब में इंग्लैंड 317 रन बना सकी। भारत ने दूसरी पारी में 152 रन बनाकर एक बार फिर पारी घोषित की। हालांकि मैच के आखिर दिन इंग्लैंड ने 5 विकेट के नुकसान पर 241 रन बनाए। जिसके चलते मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ। 

बापू नादकर्णी के करियर की बात करें तो उन्होंने 47 टेस्ट मैच खेले। इसमें उन्होंने 9,165 गेंदें फेंकी और केवल 2,559 रन दिए। उनके नाम 88 विकेट हैं। इस दौरान उनकी इकॉनमी रेट 1.67 रन थी।