sachin tendulkar fell short of 12 runs to become youngest ever test centurion in 1990

आज से 35 बरस पहले आज ही के दिन यानी 12 फरवरी 1990 को नेपियर में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए मुकाबले में सचिन तेंदुलकर ने टेस्ट शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के क्रिकेटर बनने का मौका गंवा दिया था। अपने करियर का छठा टेस्ट मैच खेलते हुए, सचिन ने उस समय अपना सर्वोच्च स्कोर बनाया और 16 साल की उम्र में अपने पहले टेस्ट शतक के करीब पहुंचे। हालांकि दुर्भाग्यवश सचिन 88 रन बनाकर पवेलियन लौट गए थे। 

टेस्ट क्रिकेट में सबसे युवा शतकवीर बनने से चुके सचिन तेंदुलकर 

9 से 13 फरवरी 1990 के बीच भारत और मेजबान न्यूजीलैंड के बीच सीरीज का दूसरा मुकाबला नेपियर में खेला गया था। उस मुकाबले में इस मुकाबले में सचिन तेंदुलकर इतिहास रचने के करीब थे। 16 वर्षीय सचिन तेंदुलकर ने भारत की पहली पारी में 266 गेंदों का सामना करते हुए 88 रनों की पारी खेली। हालांकि अपने पहले शतक से महज 12 रन पहले सचिन कीवी गेंदबाज डैनी मॉरिसन की गेंद पर बोल्ड हो गए। 

अगर सचिन इस पारी में 12 रन और बना लेते तो वह न केवल अपने छठे टेस्ट में अपना पहला इंटरनेशनल शतक पूरा करते, बल्कि पाकिस्तान के मुश्ताक मोहम्मद को पीछे छोड़ते हुए टेस्ट क्रिकेट में शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के बल्लेबाज भी बन जाते, जिन्होंने 17 साल और 78 दिन की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की थी।

सचिन तेंदुलकर के सबसे कम उम्र के टेस्ट शतक बनाने में विफल रहने के बाद पाकिस्तान क्रिकेटर मुश्ताक मोहम्मद का रिकॉर्ड 11 साल तक सुरक्षित रहा, हालांकि मोहम्मद अशरफुल ने 2001 में बांग्लादेश के लिए डेब्यू मुकाबले में ही कोलंबो में श्रीलंका के खिलाफ पहली पारी में 114 (212) रन मुश्ताक मोहम्मद का रिकॉर्ड तोड़ा।  उस खेल में अशरफुल 17 साल और 61 दिन के थे।

हालांकि नेपियर टेस्ट के कुछ महीनों बाद ही सचिन ने अगस्त 1990 में मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ एक मैच में 119 रन बनाकर अपना पहला टेस्ट शतक जड़ा। साथ ही 17 साल और 107 दिन की उम्र मे शतक जड़कर सबसे कम उम्र के टेस्ट शतक लगाने वालों की खिलाड़ियों की लिस्ट में तीसरा स्थान पर जगह बनाई।