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Courtesy: BCCI

आज से ठीक 31 बरस पहले आज ही के दिन यानी 8 फरवरी, 1994 को कपिल देव ने अहमदाबाद में भारत और श्रीलंका के बीच खेले गए तीसरे टेस्ट की पहली पारी में हसन तिलकरत्ने आउट करते हुए सर्वाधिक टेस्ट विकेट (432वां) लेते हुए बड़ी उपलब्धि अपने नाम की थी।  दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज रिचर्ड हैडली के 431 विकेटों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। उनके इस प्रदर्शन के दम पर भारत ने 2-0 की अजेय बढ़त के बाद श्रीलंका टीम को व्हाइटवॉश किया था। 

कपिल देव ने 432वां टेस्ट विकेट लेकर हासिल की थी बड़ी उपलब्धि 

मैच की बात करें तो श्रीलंकन कप्तान रणतुंगा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। कपिल देव ने सलामी बल्लेबाज रोशन महानामा के रूप में शुरुआती सफलता हासिल की, जो दो चौकों की मदद से केवल 18 रन ही बना सके। इसके बाद कपिल देव ने तिलकरत्ने की पारी को संजय मांजरेकर के हाथों कैच करा कर विराम दिया। इस विकेट के साथ कपिल देव उस समय के सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। वहीं लगातार विकेट गंवाने के चलते श्रीलंकन टीम अहमदाबाद के टर्निंग ट्रैक महज  119 रनों के स्कोर पर ढेर हो गया।  बाएं हाथ के स्पिनर वेंकटपति राजू ने पांच विकेट लिए जबकि राजेश चौहान ने भी तीन विकेट लिए।

भारत ने बल्लेबाजी करते हुए भी मैच में अपना दबदबा बनाए रखा।  मोहम्मद अजहरुद्दीन ने सामने से टीम का नेतृत्व किया और शतक बनाया। उनकी शतकीय पारी ने भारत को 358 के स्कोर तक पहुंचाया।  श्रीलंका ने दूसरी पारी में अपना खराब प्रदर्शन जारी रखा। इस बार राजू और चौहान की स्पिन जोड़ी के खिलाफ उनका संघर्ष जारी रहा।  इस बार, दोनों ने संयुक्त रूप से नौ विकेट लिए, जिसमें राजू ने छह विकेट लिए जबकि चौहान के हिस्से तीन विकेट आए।  श्रीलंका टीम 222 रनों के स्कोर पर सिमट गई। जिसके चलते भारत ने एक पारी और 17 रन से जीत दर्ज की।  अजहरुद्दीन को उनकी शानदार बल्लेबाजी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड दिया गया।