आज से ठीक 25 बरस पहले आज ही के दिन यानी 1 अक्टूबर 1999 को पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने एक बेहतरीन शतकीय पारी खेलकर भारत को जिम्बाब्वे के खिलाफ 107 रनों जीत दर्ज करवाते हुए एलजी कप के फाइनल में प्रवेश कराने में अहम योगदान दिया था। अपने पिछले मैचों में दक्षिण अफ्रीका और केन्या को हराने के बाद, भारत नैरोबी में जिम्बाब्वे के खिलाफ बचे हुए एक मैच से पहले ही फाइनल में पहुंचने का प्रबल दावेदार था।
सौरव गांगुली की शतकीय पारी के दम पर भारत ने बनाई एलजी कप के फाइनल में जगह
दरअसल टूर्नामेंट के छठें मैच में जिम्बाब्वे ने टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारत की शुरुआत शानदार रही। पहले विकेट के लिए रमेश और सौरव गांगुली ने 16.1 ओवर में 70 रनों की साझेदारी की। रमेश ने 49 गेंदों पर तीन चौकों की मदद से 31 रन बनाए। इसके बाद गांगुली ने रॉबिन सिंह के साथ दूसरे विकेट के लिए 107 रन जोड़े। रॉबिन ने 62 गेंदों पर चार चौकों की मदद से 41 रन बनाए। उसके बाद, भारतीय कप्तान ने भारतीय पारी की कमान संभाली, और अपना सातवां वनडे शतक बनाया।
निखिल चोपड़ा के 4 विकेट के दम पर भारत ने जीता मैच
सौरव गांगुली ने 11 चौकों और पांच छक्कों की मदद से 147 रन बनाकर 139 रन बनाए। उसके बाद, सुनील जोशी ने भी 25 (13) के साथ अंतिम स्पर्श दिया क्योंकि भारत ने बोर्ड पर 277/6 का स्कोर बनाया। जिम्बाब्वे की ओर से गाय व्हिटल ने तीन, हेनरी ओलोन्गा ने दो और मरे गुडविन ने एक विकेट लिया। लक्ष्य का पीछा करने उतरी जिम्बाब्वे की शुरुआत अच्छी रही जिसमें नील जॉनसन (67 गेंद में 52 रन) और नील जॉनसन (38 गेंद में 38 रन) ने 10.3 ओवर में पहले विकेट के लिए 52 रन जोड़े।
हालांकि, जिम्बाब्वे इसके बाद जिम्बाब्वे की ओर से कोई बड़ी साझेदारी नहीं हो सकी। जिसके चलते वे महज 38.3 ओवर में सिर्फ 170 रन पर आउट हो गए। और भारत ने मैच 107 रनों से अपने नाम किया। निखिल चोपड़ा ने 8.3 ओवर के स्पेल में 33 रन देकर चार विकेट लिए। हालांकि, भारत दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एलजी कप के फाइनल में 26 रनों से हार गया।