rahul dravid rishabh pant gautam gambhir

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भारतीय स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत की कुछ सालों बाद रेड बॉल क्रिकेट में वापसी हुई है। 5 सितंबर से भारत ए के खिलाफ खेले जा रहे  दलीप ट्रॉफी  मुकाबले में भारत बी से खेल रहे पंत की शुरुआत निराशाजनक रही। इस बीच ऋषभ पंत का भारत के मौजूदा हेड कोच गौतम गंभीर और पूर्व कोच राहुल द्रविड़ के बीच तुलाना करते दोनों के काम करने के रवैये पर बात की है। 

ऋषभ पंत ने द्रविड़ और गंभीर की तुलना में कही बड़ी बात 

टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद गौतम गंभीर ने राहुल द्रविड़ के बाद इंडियन टीम के हेड कोच की जिम्मेदारी संभाली है। गंभीर का कार्यकाल श्रीलंका दौरे से शुरु हो चुका है। इस बीच जियो सीनेमा से बात करत हुए भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज  ऋषभ पंत  ने राहुल द्रविड़ और गौतम गंभीर की तुलना की और एक बहुत बड़ा अंतर बताया है।

द्रविड़ शांत स्वभाव के इंसान है तो गंभीर उनकी तुलना में आक्रामक स्वभाव वाले हैं। इस कारण अक्सर दोनों की तुलना की जाती है। हालांंकि "मुझे लगता है कि राहुल भाई एक इंसान और एक कोच के रूप में बहुत संतुलित थे। यह अच्छा और बुरा दोनों हो सकता है।  यह आप पर निर्भर करता है कि आप उसके पॉजिटिव की तरफ देखतें हैं या नेगेटिव की तरफ।  26 वर्षीय पंत ने आगे कहा कि "गौती भाई अधिक एग्रेसिव है है, वह इस बारे में काफी निश्चित हैं कि आपको हर मुकाबला जीतना है। लेकिन आपको  साथ में सही संतुलन खोजने और सुधार करने की जरूरत है।"

गौरतलब है कि टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच के रूप में द्रविड़ का कार्यकाल टी20 विश्व कप 2024 में टीम की जीत के बाद समाप्त हो गया। उनके जाने के बाद, भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने बागडोर संभाली और द्रविड़ की जगह ली। गंभीर की कोचिंग कार्यकाल की शुरुआत श्रीलंका के खिलाफ टी20 सीरीज में 3-0 की जीत के साथ हुई थी। वहीं वनडे सीरीज में भारत को मुंह की खानी पड़ी

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को लेकर क्या बोल गए ऋषभ पंत 

ऋषभ पंत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करते समय अपनी मानसिकता के बारे में भी बात की और कहा कि दबाव हमेशा रहता है। इतना ही नहीं, बल्लेबाज ने आगामी बीजीटी 2024 से पहले कुछ सकारात्मक संकेत भी दिखाए। पंत ने जियोसिनेमा से कहा, "मेरा मानना है कि दबाव हमेशा रहेगा क्योंकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आप किसी भी श्रृंखला को हल्के में नहीं ले सकते।

"उन्होंने आगे कहा, "जीतने और हारने के बीच का अंतर बहुत कम है, और आजकल, अंतरराष्ट्रीय टीमों के बीच का अंतर भी ज्यादा नहीं है। हालाँकि, हमें अपना सौ प्रतिशत देना होगा, और उस मानसिकता ने मेरे लिए अभी तक अच्छा काम किया है।"