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यूएसए और वेस्टइंडीज की सह-मेजबानी में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप 2024 की ट्रॉफी पर भारत ने शानदार तरीके से कब्जा जमाया। 29 जून को साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए फाइनल मुकाबेल में भारत ने 7 रनों से जीत दर्ज करते हुए इतिहास रच दिया। इस जीत के साथ भारत 17 साल बाद दूसरा टी20 वर्ल्ड कप खिताब जीतने में कामयाब रहा। हालांकि जीत के अगले दिन बारबाडोस में भारी तूफान के चलते टीम इंडिया अगले कुछ दिन बारबाडोस में फंसी रही।
हालांकि 4 जुलाई को बीसीसीआई द्वारा भेजे गए एक चार्टर्ड विमान में नई दिल्ली में उतरी। टीम ने भारतीय प्रधानमंत्री से नाश्ते पर मुलाकात की और बीसीसीआई द्वारा आयोजित एक विशेष ओपन-बस विक्ट्री परेड के लिए मुंबई के लिए उड़ान भरी, जिसके बाद वानखेड़े स्टेडियम में एक सम्मान समारोह हुआ। इस पूरे सफर के दौरान भारतीय खिलाड़ियों के हाथों में एक चमचमाती ट्रॉफी नजर आई। लेकिन क्या हो कि हम आपको बताएं कि खिलाड़ियों के हाथों में मौजूद वह ट्रॉफी असली नहीं है। बल्कि असली ट्रॉफी की हूबहू प्रति है।
चैंपियन टीम इंडिया को क्यों नहीं दी गई टी20 वर्ल्ड कप की असली ट्रॉफी
दरअसल ICC के यहां रिवाज है कि वह केवल फाइनल मुकाबले के दिन ही मैच जीतने के बाद प्रजेंटेशन के दौरान ही टीम को असली ट्रॉफी देता है। उसके बाद टीम को बस उसके जैसी दिखने वाली ट्रॉफी दी जाती है। जिसको विजेता टीम अपने साथ अपने देश लेकर जा सकती है। वहीं असली ट्रॉफी को आईसीसी अपने पास ही रखता है। ऐसा ही कुछ भारत के साथ हुआ है। 29 जून को साउथ अफ्रीका को रोमांचक मुकाबले में हराने के बाद भारत ने 11 साल बाद कोई भी आईसीसी ट्रॉफी अपने नाम की है। इससे पहले भारत ने 2013 में इंग्लैंड में खेली गई चैंपियन ट्रॉफी जीतने में कामयाबी हासिल की थी।