204 vs australia hyderabad 2013

भारत के महानत्तम टेस्ट बल्लेबाजों में से एक चेतेश्वर पुजारा ने आज यानी 24 अगस्त 2025 को सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर सबको चौंका दिया है। हालांकि पिछले दो सालों से वह भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ओवल में आखिरी बार टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले पुजारा ने अपने टेस्ट करियर में कई यादगार पारियां खेली है। इस आर्टिकल में हम उनके करियर की तीन बेहतरीन टेस्ट पारियों पर एक नजर डालेंगे। 

चेतेश्वर पुजारा के टेस्ट करियर की तीन बेहतरीन पारियां 

3. 2013 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ जोहान्सबर्ग में खेली 153 पारी

तकरीबन 12 बरस पहले जोहान्सबर्ग में खेले गए टेस्ट मुकाबले में कप्तान विराट कोहली की दमदार पारी के बावजूद भारत की पहली पारी 280 रन पर सिमट गई। भारतीय गेंदबाजों ने शानदार काम किया और घरेलू टीम को 244 रन पर रोक दिया, जिससे भारत को 36 रन की बढ़त मिली।

मैच की तीसरी पारी में पुजारा ने शानदार प्रदर्शन किया। 270 गेंदों पर उनके 153 रनों ने भारतीय टीम के लिए कुल 421 रनों का स्कोर बोर्ड पर लगाया। हालांकि दक्षिण अफ्रीका ने जबरदस्त धैर्य के साथ बल्लेबाजी की और मैच ड्रॉ कराया, लेकिन पुजारा की पारी को भारतीय फैंस द्वारा लंबे समय तक याद किया जाएगा।

2. सिडनी में बचाई भारत की लाज

2021 की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भारत ने तीसरे मैच से पहले सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली थी। तीसरे टेस्ट में मेजबान कंगारू टीम ने भारत के सामने 407 रनों को विशाल लक्ष्य जीत के लिए रखा। ऐसे में भारत को मैच ड्रॉ कराने के लिए अगले दो दिन 131 ओवर बल्लेबाजी करनी थी।

इस मैच में पुजारा ने दबाव में 205 गेंदों में 77 रन की पारी खेलकर ऋषभ पंत के साथ भारतीय पारी को संभाला। उनकी 148 रन की साझेदारी ने मैच में भारत की वापसी करा दी।  उनके बाद रवि अश्विन और हनुमा विहारी की शानदार साझेदारी के चलते मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ।

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1. गाबा की ऐतिहासिक जीत में निभाई अहम भूमिका

यह एक ऐसी पारी है जो भारतीय टेस्ट इतिहास लंबे समय तक याद की जाएगी। भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के सबसे अभेद्य किलों में से एक 5वें दिन मैच और सीरीज जीतने के लिए 328 रनों की जरूरत थी। कंगारू टीम 32 वर्षों में इस मैदान पर एक भी मैच नहीं हारी थी, और वास्तव में असंभव लग रहा था।

इस मुकाबले में जहां एक तरफ फैंस शुभमन गिल की तेज तर्रार पारी और पारी में ऋषभ पंत की विस्फोटक पारी की बात करते हैं। वहीं पुजारा की जूझारू पारी का भी इस जीत में बड़ा योगदा रहा है। उन्होंने पांच घंटे और 211 गेंदों में का सामना करते हुए भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी।