george headley sportstiger

पूर्व ऑस्ट्रेलियन दिग्गज डॉन ब्रैडमैन के बारे में दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमी अच्छे से जानते हैं। ब्रैडमैन पर दुनियाभर के खेल पत्रकारों ने कई किताबें लिखी, हालांकि उनके समकालीन एक ब्लैक क्रिकेटर था, जिसकी बारे में वाइट मीडियाकर्मीयों से लेकर कोई भी उतनी तवज्जों देते नजर नहीं आए। उस क्रिकेटर को दुनियाभर के क्रिकेट फैंस ब्लैक ब्रैडमैन कहते थे। लेकिन उनके फैंस को यह नाम पसंद नहीं आया तो उन्होनें ब्लैक ब्रैडमैन की जगह उन्हें ब्लैक हैडली कहना शुरु कर दिया था। उस खिलाड़ी की पैदाइश ऐसे देश की है, जहां क्रिकेट की शुरुआत मजदूरों ने की थी। उस देश में दुनिया की सबसे चर्चित नहर पनामा नहर  गुजरती है। हम बात कर रहे हैं आज यानी 30 मई 1909 को पनामा में जन्में जार्ज हैडली की। 

जॉर्ज हैडली ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर डॉन ब्रैडमैन को छोड़ा पीछे 

30 मई 1909 को डिकॉर्सी हैजली और इरेने रॉबर्ड्स के घर में पैदा हुए जॉर्ड हैडली के पिता डिकॉर्सी पनामा नहर के निर्माण का काम करते थे। जॉर्ज जब पांच साल के थे तब तक पनामा नहर का निर्माण पूरा हो चुका था। बेरोजगार डिकॉर्सी काम की तलाश में क्यूबा पहुंचे। क्यूबा में कुछ साल बीताने के बाद जॉर्ज स्पैनिश बोलने में पारंगत हो गए। हालांकि उस दौर में क्यूबा की स्कूल में अंग्रेजी नहीं पढ़ाई जाती थी। 

ऐसे में जॉर्ज की मां इरेने ने बेठे को स्पैनिश प्रभाव से बचाने के लिए जमैका का दौरा किया। ताकि जॉर्ज को अग्रेजी पढ़ने को मिले। इस दौर में जॉर्ज अपनी स्कूल के लिए बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज क्रिकेट खेलने लगे। हालांकि जॉर्ज की मां वापस क्यूबा लौट गई, लेकिन जॉर्ज का क्रिकेट करियर जारी रहा। स्कूल खत्म होने के बाद जॉर्ज एक कोर्ट में क्लर्क के तौर पर पार्टटाइम काम करने लगे। और साथ में अपनी क्रिकेट प्रैक्टिस जारी रखी। 1927 में अपने शानदार क्रिकेट के जरिए जॉर्ज ने जमैका क्रिकेट टीम में जगह बनाई और 19 वर्ष की उम्र में लॉर्ड टेनिसन की इंग्लिश टीम के खिलाफ 211 रनों की धमाकेदार पारी खेलकर सभी को प्रभावित किया।

हालांकि बावजूद इसके जॉर्ज को वेस्टइंडीज टीम में जगह नहीं मिली। हालांकि 1929-30 के वेस्टइंडीज दौरे पर आई इंग्लिश टीम के खिलाफ जॉर्ज हैडली को टेस्ट में डेब्यू करने का मौका मिला। इस सीरीज की आठ पारियों में जॉर्ज ने 703 रन बनाए। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई वेस्टइंडीज टीम में शामिल हुए जॉर्ज ने 1066 रन बनाकर अपना लौहा मनवाया। इस प्रदर्शन के बाद जॉर्ज अगले दस सालों तक वेस्टइंडीज टीम के बेहतरीन बल्लेबाज के रूप में टीम का हिस्सा रहे। उस दौर में जॉर्ज 19 टेस्ट मैचों में 26.9 फीसदी रन बनाकर डॉन ब्रैडमैन के 26.5 फीसदी रनों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा। 

सबसे कम उम्र में किया कमाल का कारनामा  

फरवरी 1930 में वेस्टइंडीज दौरे पर आई इंग्लैंड टीम के खिलाफ तीसरे टेस्ट में जॉर्ज हैडली ने दोनों पारियों में क्रमश: 114 और 112 रनों की शतकीय पारियां खेलकर सबसे क्रम उम्र में दोनों पारियों में शतक जड़ने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। जॉर्ड हैडली की इन शानदार पारियों के दमपर वेस्टइंडीज ने तीसरा टेस्ट अपने नाम किया।