
97 बरस पहले आज ही के दिन यानी 26 जुलाई 1927 पाकिस्तान के कराची में जन्में पूर्व भारतीय क्रिकेटर गुलाबराय रामचंद का क्रिकेट के प्रति जुनून अलग हद का था। उनके क्रिकेट को लेकर जुनून का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, जब गुलाबराय रामचंद अपने आखिरी समय में भी जब वह दुनिया से रुखसत वाले थे उससे पहले भी क्रिकेट को लेकर बहुत जूनूनी थे। इससे जुड़ा रामचंद का एक किस्सा काफी मशहूर है। दरअसल, गुलाबराय मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में भर्ती थे और निधन से एक दिन पहले उन्होंने अपनी वाइफ को पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच चल रहे मैच का ताजा स्कोर जानने के लिए अस्पताल से बाहर भेज दिया था।
क्रिकेट की दुनिया से निकलकर बने एयर इंडिया के सीनियर मैनेजर
गुलाबराय रामचंद ने भारत के लिए भले ही 33 टेस्ट मैच खेले हो, लेकिन उनका करियर कई मायनों में यादगार रहा। उनकी कप्तानी में भी भारत ने 1959 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली बार टेस्ट में जीत दर्ज की। यही नहीं क्रिकेट करियर के बाद वो कमर्शियल ब्रांड से करार करने वाले पहले कुछ खिलाड़ियों में से एक थे। क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद गुलाबराय रामचंद ने कॉरपोरेट वर्ल्ड में जगह बनाई। वो एयर इंडिया में लंबे वक्त तक सीनियर मैनेजर रहे।
जब रामचंद के मुरीद हो गए थे ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी
गुलाबराय रामचंद अपने पूरे क्रिकेट करियर के दौरान चकाचौंध और चमक-दमक से बचने को देखते थे। हालांकि इसके चलते लोगों के मन में उनते चलते अलग लेवल का सम्मान पैदा होने लगा था। इससे जुड़ा एक किस्सा काफी सुनाया जाता था। दरअसल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहला टेस्ट मुकाबले जीतने के बाद एक बार वो किसी पुरस्कार समारोह में अपनी भतीजी के लिए मौजूदा खिलाड़ियों के ऑटोग्राफ ले रहे थे। तभी ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट फैंस की भीड़ ने उन्हें घेर लिया। उस भीड़ में से निकले एक शख्स ने रामचंद से कहा कि सर मेरा नाम मार्क टेलर बै और मैं अपनी टीम की तरफ से समारोह में पुरस्कार लेने आया हूं। क्या मैं भारत के उस कप्तान से हाथ मिला सकता हूं, जिसकी कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर टेस्ट मैच जीताया है।
गुलाबराय ने भारत के लिए टेस्ट मैचों में जड़े दो शतक
रामचंद ने भारत के लिए कुल 33 टेस्ट खेले। जिनमें उन्होंने 24.58 की औसत से 1180 रन बनाए। वहीं इस दौरान गुलाबराय ने 41 विकेट भी झटके । अपने टेस्ट करियर में गुलाबराय ने दो शतक लगाए। जिनमें पहला 1955-56 में न्यूजीलैंड और दूसरा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1956 में मुंबई में आया था।