John Wright

भारत ने हाल ही में समाप्त हुए टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीतकर 13 सालों का आईसीसी ट्रॉफियों का सूखा खत्म किया। हालांकि जो भारतीय टीम आज नजर आ रही है। लेकिन इस बदलाव की शुरुआत आज से नहीं 2000 के दशक से हुई थी। जिसमें सबसे अहम योगदान उस समय टीम के पहले विदेश कोच जॉन राइट का रहा है। जॉन का जन्म आज ही के दिन यानी 5 जुलाई 1954 को न्यूजीलैंड के  कैंटरबरी में हुआ था। हालांकि जॉन राइट जब भारत के कोच थे तब टीम के शानदार प्रदर्शन के साथ-साथ जॉन ने कई विवादों के लिए भी सूर्खियां बंटोरी। 

जब जॉन राइट ने विरेंद्र सहवाग को जड़ा था जोरदार थप्पड़

दरअसल भारतीय टीम को आगे बढ़ाने में कीवी दिग्गज जॉन राइट का बड़ा योगदान रहा है। 2000 में भारतीय टीम के पहले विदेशी कोच बने जॉन राइट ने उस समय के भारतीय कप्तान सौरव गांगुली के साथ मिलकर टीम को कई अहम मुकाबले जीताने में अहम भूमिका निभाई। जिनमें 2001 में कोलकाता में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला गया ऐतिहासिक टेस्ट मुकाबले समेत इंग्लैंड में जीती गई नेटवेस्ट ट्रॉफी शामिल है। 

हालांकि उस दौरान विरेंद्र सहवाग की खराब फॉर्म से गुस्साए जॉन राइट ने उनको जोरदार तमाचा जड़ दिया था। इस बात का पता जब कप्तान सौरव गांगुली को लगा तो विवाद बढ़ गया। गांगुली ने तत्कालिन टीम मैनेजर राजीव शुक्ला से कहा कि जॉन से कहे कि वह सहवाग से माफी मांगे। जिसपर जॉन ने जवाब दिया कि मैंने बतौर कोच सहवाग को गुस्से में धक्का दिया था न कि थप्पड़ मारा। वह लगातार गलती करते हुए आउट हो रहा था। मुझसे यह बर्दाश्त नहीं हुआ। 

हालांकि सौरव गांगुली अपनी जिद पर अड़े रहे। मगर सचिन तेंदुलकर ने राजीव शुक्ला को समझाया कि कोच किसी भी हालत में टीम के किसी भी खिलाड़ी से माफी नहीं मांग सकता। राजीव शुक्ला और सचिन तेंदुलकर के समझाने के बाद मामला शांत हुआ। जॉन राइट ने 2005 में टीम इंडिया के साथ कार्यकाल समाप्त होने पर 2010 में कीवी टीम के हेड कोच बने।  जॉन राइट ने न्यूजीलैंड के लिए 82 टेस्ट मुकाबले खेले थे, जिनमें 37.82 की औसत से 5332 रन बनाए।