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22 जून का दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक अहम महत्व रखता है। आज से करीब 41 बरस पहले भारत ने आज ही के दिन यानी 22 जून 1983 को खेले गए वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में इंग्लैंड को हराकर पहली बार किसी वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बनाई थी। इसके बाद भारत ने फाइनल में वेस्टइंडीज को हराकर पहला वर्ल्ड कप खिताब अपने नाम किया था। 

इंग्लैंड को हराकर भारत ने बनाई थी वर्ल्ड कप फाइनल में जगह 

कपील देव की अगुवाई में 1983 का वर्ल्ड कप खेलने गई भारतीय टीम ने आज से करीब 41 बरस पहले 22 जून 1983 को इंग्लैंड को सेमीफाइनल मुकाबले में करारी शिकस्त देकर वर्ल्ड कप फाइनल में जगह बनाई थी।  दरअसल उस मुकाबले में  इंग्लैंड के कप्तान बॉब विलिस से टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। ओल्ट ट्रैफर्ड की उस विकेट पर बल्लेबाजी करना आसान नहीं था। उस खराब विकेट पर इंग्लैंड ने 60 ओवर में सिर्फ 213 रन बनाए। ग्रीम फावलर ने सबसे ज्यादा 33 रन बनाए। क्रिस ट्रेवरे ने 32 रन बनाए। भारतीय गेंदबाजों ने इंग्लिश बल्लेबाजों पर लगाम लगाए रखी और स्कोर को ज्यादा बढ़ने नहीं दिया।

भारत की ओर से कप्तान कपिल देव ने सबसे ज्यादा 3 विकेट लिए। उन्होंने 11 ओवरों में 35 रन दिए। रोजन बिनी ने 12 ओवर में 43 रन देकर दो और मोहिंदर अमरनाथ ने 12 ओवर में 27 रन देकर दो विकेट लिए। एक कामयाबी कीर्ति आजाद ने हासिल की जिन्होंने 12 ओवर में 28 रन दिए।

जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय बल्लेबाजी भी बहुत तेज नहीं हो रही। सुनील गावसकर और श्रीकांत की जोड़ी को रन बनाने में काफी मेहनत करनी पड़ रही थी। गावसकर 41 गेंद पर 25 रन बनाकर पॉल एलॉट ने शिकार बने। इसके बाद 44 गेंद पर श्रीकांत 19 रन बनाकर पविलियन लौटे। मोहिंदर अमरनाथ ने यशपाल शर्मा के साथ मिलकर भारतीय पारी को संभाला।

दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 92 रन जोड़े।  यशपाल शर्मा  ने सर्वाधिक 61 रनों की पारी खेली। वहीं अमरनाथ 92 गेंद पर 46 रन बनाकर आउट हुए।  फिर आए आजाद ने ताबड़तोड़ पारी खेलकर टीम को लक्ष्य के करीब पहुंचाने में अहम मदद की। उन्होंने सिर्फ 32 गेंद पर नाबाद 51 रन बनाकर भारत को 5.2 ओवर बाकी रहते जीत दिला दी। इस जीत के साथ ही भारत पहली बार वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बनाने में कामयाब रही।