
Credit: ICC
आज से ठीक 40 बरस पहले आज ही के दिन यानी 10 मार्च 1985 को भारत ने मेलबर्न में अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ आठ विकेट से जीत हासिल करने के बाद क्रिकेट की वर्ल्ड चैम्पियनशिप का फाइनल जीता। पाकिस्तान के कप्तान जावेद मियांदाद ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। इस अहम मैच में कपिल देव ने घातक गेंदबाजी कराते हुए पाकिस्तान को बैकफूट पर धकेल दिया था।उन्होंने मैच की शुरुआत में ही मोहसिन खान, मुदस्सर नजर और कासिम उमर के महत्वपूर्ण विकेट चटकाए और भारत को मैच में आगे ला दिया।
पाकिस्तान को हराकर भारत ने जीता वर्ल्ड चैंपियनशिप फाइनल
मैच की बात करें तो पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। हालांकि कपिल देव ने घातक गेंदबाजी करते हुए मोहसिन खान, मुदस्सर नजर और कासिम उमर को क्रमश: 5, 14 और 0 पर पवेलियन भेजकर भारत की बढ़िया शुरुआत दिलाई। इसके बाद रमीज राजा भी महज 12 गेंदों में केवल चार रन बनाने के बाद चेतन शर्मा का शिकार हुए। हालांकि इसके बाद पाकिस्तान के कप्तान मियांदाद ने अनुभवी इमरान खान के साथ मिलकर पाकिस्तानी की लड़खड़ाती पारी के संभाला। दोनों ने पांचवें विकेट के लिए 68 रन की साझेदारी की। हालाँकि, इमरान एक रन लेने की कोशिश में रन आउट हो गए, जिससे पाकिस्तान की पारी एक बार लड़खड़ा गई।
कपिल की घातक गेंदबाजी के बाद स्टार लेग स्पिनर लक्ष्मण शिवरामकृष्णन ने भी 3 विकेट चटकाए। उन्होंने सलीम मलिक (14 गेंदों में 14), मियांदाद (92 गेंदों में 48) और विकेटकीपर-बल्लेबाज अनिल दलपत (दो गेंदों में 0) को आउट किया। ऐसे में भारत की घातक गेंदबाजी के सामने पाकिस्तान निर्धारित ओवरों में 9 विकेच के नुकसान पर 176 रनों पर रोक दिया। भारत की ओर से कपिल ने नौ ओवर में 3/23 और शिवरामकृष्णन ने नौ ओवर में 3/35 विकेट चटकाए।
लक्ष्य का पीछा करते हुए, भारत के सलामी बल्लेबाजों रवि शास्त्री और क्रिस श्रीकांत ने गेंदबाजों के खिलाफ अपनी असाधारण टीम का प्रदर्शन किया। श्रीकांत ने 77 गेंदों में आठ चौकों और दो छक्कों की मदद से 67 रन बनाए। इमरान खान ने श्रीकांत की पारी का अंत किया और क्रीज पर दाएं हाथ के बल्लेबाज की जगह मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 26 गेंदों पर 25 रन की पारी खेली।
शास्त्री ने 47.1 ओवर में 148 गेंदों पर नाबाद 63 रन बनाए। उनकी पारी में तीन चौके शामिल थे। शास्त्री के साथ दिलीप वेंगसरकर भी थे, जिन्होंने 32 गेंदों पर नाबाद 18 रन बनाए। श्रीकांत खेल में अपनी शानदार बल्लेबाजी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच बने जबकि शास्त्री को टूर्नामेंट में 182 रन और आठ विकेट लेने के लिए प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब दिया गया।