आज का दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास में काफी अहमियत रखता है। आज से 22 बरस पहले आज ही के दिन यानी 30 सितंबर 2002 को कोलंबो में बारिश से प्रभावित चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल का कोई परिणाम नहीं निकलने के बाद भारत और श्रीलंका को संयुक्त विजेता घोषित किया गया था।
भारत -श्रीलंका बने थे चैंपियंस ट्रॉफी के संयुक्त विजेता
30 सितंबर 2002 को चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला भारत और श्रीलंका के बीच कोलंबो में खेला जाना था। लेकिन बारिश ने मजा किरकरा कर दिया। फाइनल के लिए एक रिजर्व डे रखा गया था लेकिन बारिश ने दोनों दिनों में खेल खराब कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप भारत और श्रीलंका को संयुक्त विजेता घोषित किया गया।
मैच की बात करें तो श्रीलंका ने 50 ओवर में 244/5 रन बनाए थे। कप्तान सनथ जयसूर्या ने अपनी टीम को अच्छी शुरुआत देने के लिए 74 रन बनाए जबकि कुमार संगकारा ने 89 गेंदों में 54 रन बनाए। गेंदबाजी में हरभजन सिंह ने तीन जबकि अजीत अगरकर और सचिन तेंदुलकर ने एक-एक विकेट लिया। जवाब में, भारतीय सलामी बल्लेबाज दिनेश मोंगिया और वीरेंद्र सहवाग ने पहले दो ओवरों में भारत को 14/0 पर पहुंचा दिया, हालांकि इसके बाद बारिश का दौर शुरु हुआ जो अगले दो दिनों तक बदस्तूर जारी रहा।
रिजर्व डे पर दूसरे मैच में, श्रीलंका ने 50 ओवरों में 222/7 का स्कोर बनाया, जिसमें महेला जयवर्धने (77) और रसेल अर्नोल्ड (55 *) ने योगदान देकर श्रीलंकाई पारी को लड़खड़ाने से बचा लिया। यह दिन भारतीय गेंदबाजों के नाम रहा जहीर खान ने गेंद से प्रभावित करते हुए पारी की पहली ही गेंद पर जयसूर्या समेत तीन विकेट लिए। अनिल कुंबले, हरभजन और अगरकर के हिस्से में भी एक-एक विकेट आया।
भारत को मोंगिया के रूप में शुरुआती झटका लगा, जिसे चमिंडा वास ने शून्य पर वापस भेज दिया। सचिन तेंदुलकर और सहवाग ने दूसरे विकेट के लिए 38 रन जोड़े, इससे पहले कि बारिश ने फिर से फाइनल में दस्तक दी। भारत 8 ओवर के बाद 38/1 था। श्रीलंका के धीमी गेंदबाजी आक्रमण की गहराई को देखते हुए, पूरी संभावना है कि मुकाबला आखिरी गेंद तक जा सकता था। अंत में बारिश ने दोनों मैचों को रद्द करने के लिए मजबूर कर दिया। भारत और श्रीलंका को चैंपियंस ट्रॉफी का संयुक्त विजेता घोषित किया गया।