
13 जुलाई का दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास के ऐतिहासिक दिनों में से एक रहा है। आज से करीब 22 साल पहले 13 जुलाई 2002 को भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ नेटवेस्ट ट्रॉफी फाइनल में शानदार जीत दर्ज करते हुए इतिहास रचा था। इंग्लैंड से मिले 326 रनों के विशाल लक्ष्य को भारत ने 8 विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया।
इंग्लैंड को उनके घर में हराकर भारत ने जीती थी नेटवेस्ट ट्रॉफी
दरअसल आज से करीब 22 साल पहले लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच नेटवेस्ट ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला खेला गया था। उस मुकाबले में इंग्लैंड के कप्तान नासिर हुसेन ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए मार्कस ट्रेसकाथिक और नासिर हुसैन की शानदार शतकीय पारी के दम पर 5 विकेट खोकर 325 रन बोर्ड पर लगाए और भारत के सामने 326 रनों का विशाल लक्ष्य रखा। इंग्लैंड टीम को शायद ही लगा होगा कि भारतीय टीम इस लक्ष्य को हासिल कर पाएगी लेकिन ऐसा हुआ और यह जीत भारतीय क्रिकेट में एक खूबसूरत तस्वीर की फैंस के दिलों में बस गई।
विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को कप्तान सौरव गांगुली ने सलामी बल्लेबाज विरेंद्र सहवाग के साथ मिलकर शानदार शुरुआत दी। दोनों सलामी बल्लेबाजों ने पहले विकेट के लिए 106 रनों की साझेदारी कर भारत की जीत की नीव रखी। हालांकि इस बीच सौरव गांगुली 65 रनों के निजी स्कोर पर टुडोर की गेंद पर बोल्ड होकर पवेलियन लौट गए। वहीं विरेंद्र सहवाग 45 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। इसके बाद भारतीय पारी लड़खड़ा गई। सचिन तेंदुलकर से लेकर राहुल द्रविड़ सस्ते में अपना विकेट गंवाकर एक के बाद एक पवेलियन लौट गए। उस समय लग रहा था कि मैच भारत के हाथों से निकल गया।
ऐसे में मैदान में बल्लेबाजी करने आए मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह ने मिलकर इस छठे विकेट के लिए 121 रन जोड़े और भारत की मैच की मैच जीतने की उम्मीदों को जिंदा रखा। हालांकि 267 के स्कोर पर 69 रन बनाकर युवराज आउट हो गए लेकिन कैफ ने उम्मीद नहीं छोड़ी। उन्होंने हरभजन के साथ मिलकर 47 रन की साझेदारी की और नाबाद 87 रन की पारी खेलकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिला दी। टीम इंडिया के आखिरी विजयी रन लेते ही नजारा देखने लायक था जब लार्ड्स की बालकनी में कप्तान गांगुली ने अपनी टी-शर्ट उतारी और सेलिब्रेट किया।