
Credit: ICC
आज से ठीक 14 बरस पहले आज ही के दिन यानी 13 अगस्त, 2011 को एंड्रयू स्ट्रॉस की कप्तानी वाली इंग्लैंड ने एजबेस्टन में टीम इंडिया को हराया आईसीसी रैंकिंग में पहली बार नंबर एक टेस्ट टीम बन गई। भारत, जो पहले ही चार मैचों की सीरीज में 2-0 से पीछे था, को सीरीज बचाने के लिए बर्मिंघम में खेल जीतने की जरूरत थी।
भारत को हरा इंग्लैंड बनी नंबर-1 टेस्ट टीम
टॉस जीतकर इंग्लैंड के कप्तान स्ट्रॉस पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। इंग्लैंड की जेम्स एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रॉड और टिम ब्रेसनन की तेज गेंदबाजी तिकड़ी हावी दिख रही थी और मेहमान टीम को 224 रन पर समेट दिया। कप्तान एम. एस. धोनी को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज अपने बल्ले से बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहा था। भारतीय कप्तान ने 96 गेंदों में 77 रन बनाए।
ब्रॉड और ब्रेसनन ने चार-चार विकेट लिए जबकि जेम्स एंडरसन ने भी दो विकेट लिए। इसके बाद इंग्लैंड ने 710/7 का स्कोर बनाकर पारी घोषित कर दी। इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज एलिस्टर कुक ने 294 रनों की पारी खेली, जो उनके टेस्ट करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी बन गई। इयोन मोर्गन ने भी 104 रन बनाए। कप्तान स्ट्रॉस, केविन पीटरसन और ब्रेसनन ने भी अपने बल्ले से अर्धशतक जड़े।
इंग्लिश गेंदबाजों के सामने भारतीय बल्लेबाजों ने ठेके घुटने
टीम इंडिया ने पारी की दूसरी गेंद पर जेम्स एंडरसन के हाथों वीरेंद्र सहवाग को खो दिया। गौतम गंभीर और राहुल द्रविड़ भी अपनी टीम के 50 रन तक पहुंचने से पहले ही आउट हो गए। सचिन तेंदुलकर और एम. एस. धोनी ने क्रमशः 40 और नाबाद 74 रन बनाकर पारी को स्थिर करने का प्रयास किया, लेकिन उनके प्रयास इंग्लैंड को बड़ी जीत का दावा करने से रोकने के लिए पर्याप्त नहीं थे।
भारतीय टीम 244 रन पर सिमट गई और इंग्लैंड ने सीरीज में 3-0 की अजेय बढ़त बना ली। कुक को अभूतपूर्व बल्लेबाजी प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। इंग्लैंड ने भारत को पछाड़कर नंबर एक टेस्ट स्थान पक्का किया। वे इसके बाद अगस्त 2012 तक टॉप पर बने रहे।