
आईपीएल 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए श्रेयस अय्यर की अगुवाई में पंजाब किंग्स 11 बरस बाद प्लेऑफ में पहुंचने में कामयाब रही है। लेकिन इस बीच पंजाब किंग्स के मालिकों के बीच विवाद हो गया। पंजाब किंग्स की स्वामित्व वाली कंपनी केपीएच ड्रीम क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड में नए डायरेक्टर की नियुक्ति को लेकर छेडे़ इस विवाद को चुनौती देते हुए टीम की सह-मालकिन प्रति जिंटा कोर्ट पहुंच गई है।
आखिर मामला क्या है?
दरअसल 21 अप्रैल को पंजाब किंग्स की स्वामित्व वाली कंपनी केपीएच ड्रीम क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड की एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग हुई थी। जिसमें मुनीश खन्ना को नया डायरेक्टर चुना गया। हालांकि प्रीति जिंटा ने इसका विरोध करते हुए मीटिंग की वैधता और कंपनी के नए डायरेक्ट चुने जाने की इस प्रक्रिया को चुनौती दी है। साथ ही मीटिंग में लिए गए फैसलों पर जारी एक्शन पर भी रोक लगाने की कोर्ट से मांग की है।
प्रीति जिंटा के विरोध के बावजूद मुनीश खन्ना बनाए गए कंपनी के डायरेक्टर
प्रीति जिंटा, मोहित बर्मन और नेस वाडिया तीनों ही पंजाब किंग्स की ओनर कंपनी के डायरेक्टर है। हालांकि इस कंपनी की एजीएम कंपनीज एक्ट 2013 और दूसरे एक्ट को धता बताते हुए बिना उचित प्रक्रिया के आयोजित हुई। TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक जिंटा ने 10 अप्रैल को ईमेल भेजकर कथित तौर पर होने वाली मीटिंग के लिए आपत्ति जताई थी।
जिंटा की याचिका के अनुसार, जब बैठक शुरू हुई, तो उन्होंने और उनके साथी निदेशक करण पॉल ने सचिवीय मानकों के सिद्धांत 5.1 का हवाला देते हुए नेस वाडिया को अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने पर आपत्ति जताई, जिसके अनुसार निदेशकों को अपने बीच से ही किसी एक अध्यक्ष का चुनाव करना होता है, यदि कोई भी पूर्व-नामित अध्यक्ष नहीं है।
जिंटा और पॉल ने उनमें से किसी एक को नियुक्त करने का सुझाव दिया, जिसके कारण उपस्थित चार निदेशकों के बीच मत विभाजन हो गया। बावजूद इसके बर्मन और वाडिया ने मीटिंग जारी रखते हुए मुनीश खन्ना को अतिरिक्त डायरेक्टर नियुक्त कर दिया। ऐसे में जिंटा ने चंडीगढ़ कोर्ट में मुकदमा दायर कराते हुए मीटिंग की वैधता और कंपनी के नए डायरेक्ट चुने जाने की इस प्रक्रिया को चुनौती दी है।